BEST Election Result: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी हलचल है. वजह ये कि मनसे (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आज गुरुवार को मुलाकात की है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है जब हाल ही में हुए बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे को करारी हार हासिल हुई है.
हैरानी की बात तो ये है कि ये दोनों पार्टियां मिलकर भी एक भी सीट पर जीत का परचम नहीं लहरा सकीं. इसी चुनाव के बाद सीएम फडणवीस ने राज ठाकरे और उनकी पार्टी पर जमकर निशाना साधते हुए चुनावों के राजनीतिकरण का आरोप तक लगाया. इस तरह की टिप्पणी के बाद भी राज ठाकरे अगले ही दिन फडणवीस से मिलने जा पहुंचे. जिसे देख हर कोई हैरान रह गया.
इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. जब दो बड़े नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे चुके हों, तो ऐसे में अचानक मुलाकात होना मामूली बात नहीं मानी जाती, यही वजह है कि राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.
दरअसल, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे करीब 20 साल बाद एक साथ आने के बाद से मुंबई में बेस्ट चुनाव मिलकर लड़ा. उम्मीद भी थी कि 'ठाकरे ब्रांड' की ये जोड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. नतीजा ये रहा कि बेस्ट चुनाव में उनका पैनल बुरी तरह से हार गया. बेस्ट (BEST) को ठाकरे परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार जनता ने उनका साथ नहीं दिया.
इसी हार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ये नतीजे साफ दिखाते हैं कि अब 'ठाकरे ब्रांड' को लोग स्वीकार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "ये सिर्फ एक ऋण समिति का चुनाव था, लेकिन ठाकरे भाइयों ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया और जीत के बड़े-बड़े दावे ठोक दिये, जो लोगों को पसंद नहीं आए. आखिरकार जनता ने उन्हें नकार ही दिया" जो बड़े ही शर्म की बात है.
गौरतलब है कि, पहले ऐसा लग रहा था कि ठाकरे बंधुओं का उत्कर्ष पैनल और महायुति का सहकार समृद्धि पैनल आमने-सामने टक्कर देंगे, लेकिन नतीजे सामने आने पर कुछ और ही देखने को मिला. जहां केवल टक्कर नज़र नहीं आई, बल्कि ठाकरे पैनल और महायुति पैनल को उम्मीद के मुताबिक सफलता भी नहीं मिली. जबकि शशांक राव के पैनल ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 14 सीटों पर जीत हासिल की.
वहीं महायुति को सिर्फ 7 सीटें मिलीं और ठाकरे पैनल के खाते में एक भी सीट नहीं आई. ये सभी नतीजे हर किसी के लिए चौंकाने से कम नहीं थे. इस हार जीत के बीच चर्चा है कि, शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में साथ नजर आ सकते हैं. क्योंकि हाल ही में दोनों पार्टियों के नेताओं की मुलाकात हुई है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कोई नया गठबंधन बन सकता है.