वाराणसीः देश का पहला शहरी सार्वजनिक परिवहन रोपवे प्रोजेक्ट बनारस में दिसम्बर तक पूरा होना प्रस्तावित है. इसके पहले सितंबर में इसके पहले चरण पर रोपवे चलना शुरू हो जाएगा. मोदी-योगी सरकार इस परियोजना से न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है. रोपवे से कैंट से गोदौलिया तक 3.85 किलोमीटर की दूरी को मात्र 16 मिनट में तय करेगी. काशी विश्व का तीसरा ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का संचालन होगा. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का रोपवे के संचालन में विशेष ध्यान रखा जा रहा है. रोपवे स्टेशनों पर 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाओं और एम्बुलेंस का भी प्रावधान इसमें शामिल किया गया है.
रोपवे स्टेशन पर रहेगी फर्स्ट ऐड की सुविधाएं
रोपवे प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी प्रमुख स्टेशनों (कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा और गोदौलिया) पर मेडिकल रूम, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था और एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध होगी. आपात स्थिति में यात्रियों को फर्स्ट ऐड प्रदान करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करने के साथ नजदीक के हॉस्पिटल से भी टाई-अप रखना प्रस्तावित है.
तय कर दिया गया है लक्ष्य
अधिकारियों की माने तो सितम्बर में पहले सेक्शन कैंट से रथयात्रा और दिसंबर में दूसरे सेक्शन रथयात्रा से गोदौलिया तक रोप वे का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है. कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री रोपवे से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट के पास चंद मिनटों में पहुंच सकेंगे. प्रथम चरण के दोनों सेक्शन का कार्य पूर्ण होने के बाद कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगा. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानि 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे. गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचने में लगभग 16 मिनट लगेगा. लगभग 148 ट्रॉली कार चलेगी. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार होंगे. रोप वे का संचालन 16 घंटे का होगा.