वाराणसीः भगवान शिव की नगरी काशी अगले कुछ दिनों तक पूरी तरह ब्रजधाम में तब्दील हो जाएगी. घर-घर से लेकर मंदिरों तक कान्हा के जन्म की बधाइयों की धुन गूंजेगी. स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में श्रीकृष्ण स्वरूप का पूजन होगा. इस्कॉन मंदिर दुर्गाकुंड और हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसाइटी महमूरगंज में तीन-तीन दिन, जबकि चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में आठ दिनों तक जन्मोत्सव का उल्लास रहेगा.
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, मां अन्नपूर्णा मंदिर, मानस मंदिर, दुर्गा मंदिर, धर्मसंघ मणि मंदिर, राधा माधव मंदिर तुलसी घाट सहित काशी के प्रमुख मंदिरों में कान्हा की झांकियां सजेंगी. बधाई गीत, संकीर्तन और विशेष आरती से वातावरण भक्तिमय होगा. बीएचयू महिला महाविद्यालय, ब्रोचा व बिरला छात्रावास समेत विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे.
गोपाल मंदिर में प्रतिदिन बधाई संकीर्तन के साथ अष्टछाप के कवियों—सूरदास, नंददास आदि के पदों का गायन होगा. कीर्तन मंडली के साथ अनुष्ठान, पंचामृत अभिषेक और विधिवत भोग-राज श्रृंगार किया जाएगा. प्रत्येक दिन श्रीकृष्ण के नए रूप का श्रृंगार दर्शनीय होगा.
सिंधी समाज की ओर से लक्सा स्थित शंकर सत्संग भवन में छह दिनों तक जन्माष्टमी उत्सव आयोजित होगा. प्रतिदिन जन्मोत्सव से छठी तक पूजन-अर्चन और धार्मिक अनुष्ठान होंगे. दो दिन विशेष संगीत संध्या का आयोजन होगा, जिसमें सिंधी कलाकार भजन प्रस्तुत करेंगे.
काशी में इस बार जन्माष्टमी का पर्व केवल एक दिन का नहीं, बल्कि कई दिनों तक चलेगा, जिसमें भक्ति, संगीत, शृंगार और सांस्कृतिक रंगों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा.