
Sonam Wangchuk Arrested: लद्दाख के सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को आज शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हाल ही में लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा एक्शन लिया गया है. जहां एक निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से पहले ही आज शुक्रवार को पुलिस ने सोनम वांगचुक को अपनी हिरासत में ले लिया है. जिसके चलते व्यापक प्रतिक्रियाएं सामने आने के साथ-साथ चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंताएं भी बढ़नी शुरू हो गई हैं.

बता दें, सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अभी तक जेल नहीं भेजा गया है. केंद्र सरकार ने लेह में हुई हिंसा का जिम्मेदार वांगचुक को ठहराते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भड़काया था. जिसके चलते इस तरह की उग्र हिंसा हुई है. इसी के चलते सोनम वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (FCRA), 2010 के तहत विदेशी चंदा लेने के रजिस्ट्रेशन को गृह मंत्रालय ने बीते गुरुवार को रद्द कर दिया.

हाल ही में लद्दाख में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का ठिकरा गृह मंत्रालय द्वारा वांगचुक पर फोड़ा गया. जिसके लेकर उन्होंने खुद को 'बलि का बकरा' बनाने की सोची-समझी साजिश बताया और कहा कि, इस रणनीति का उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की मूल समस्याओं से निपटने से बचना है. लेकिन वो इन सभी से डरने के बजाय वह कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं. क्योंकि गृह मंत्रालय के इस चाल से कोई भी हल नहीं निकलेगा.'

गिरफ्तार हुए सोनम वांगचुक ने अपने बयानों में कहा था, 'वे किसी को बलि का बकरा बनाने की चालाकी कर सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं. इस समय, हम सभी को ‘चतुराई’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं.' जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, 'मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं, ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें. मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं.'




