
Sonam Wangchuk: लेह में भड़की हिंसा के चलते कई लोगों की जहां मौत हो चुकी है वहीं कई जख्मी भी हुए हैं. इस मामले में आरोपी माने गये सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जोधपुर के जेल में रखा गया है. दूसरी ओर अब इस मामले में शांति बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में उन्होंने अपने पति की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए कहा कि एक हफ्ते बाद भी उनकी हिरासत का कोई आधार नहीं मिल पाया है और ना ही हमें वांगचुक की कोई जानकारी मिल रही है. इसी के चलते उन्होंने हैबियस कॉरपस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दाखिला कर अपने पति की तत्काल रिहाई की मांग की है.

पत्नी गीतांजलि ने सोनम पर लगे लद्दाख में हिंसा भड़काने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. कहा कि, मेरे पति ने हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए अपना उपवास तक समाप्त कर दिया. यहां तक कि शोक संतप्त परिवारों ने भी कहा कि यह वांगचुक की गलती नहीं थी. आगे की कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा था कि हम न्याय पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगे.

दरअसल, बीते 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़की थी, जिसकी वजह राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग रही. इसको लेकर प्रदर्शन कर रही Leh Apex Body (LAB) के आह्वान पर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. धीरे-धीरे ये मामला इतना उग्र हो गया कि पथराव समेत आगजनी जैसी हालात देखने को मिले. इसमें 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तो 90 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी गये. बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए लेह प्रशासन ने कफ्यू लगा दिया. इसके अलावा कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई.

इन सभी के जिम्मेदार माने गये एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वांगचुक को कुछ देर बाद लद्दाख से जोधपुर की जेल में शिफ्ट कर दिया गया जहां उन्हें कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल में रखा गया है. उनका मेडिकल जांच भी कराया गया. सूत्रों के मुताबिक, वांगचुक को विशेष निगरानी में जोधपुर जेल लाया गया. जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम भी किए हैं. साथ ही वांगचुक को जिस सेल में रहा गया है उसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे उन पर चौबीसों घंटें कड़ी नजर रखी जा रही है.

गृह मंत्रालय और प्रतिनिधियों के बीच एक पूर्व-वार्ता बैठक जल्द होने वाली है. इसके बाद 6 अक्टूबर को केंद्र के साथ हाई-पावर्ड कमेटी की बैठक निर्धारित की गई है. विरोध कर रहे संगठनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक संतोषजनक समाधान नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा.




