वाराणसी: वरुणा पुल स्थित शास्त्री घाट पर गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने एक अलग तरह का विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने ‘तांत्रिक पूजा’ का आयोजन किया, जिसे वे चुनाव आयोग पर से “भाजपा का बुरा साया और सत्ता का प्रेत” हटाने का प्रतीक मान रहे थे.
सपा नेता जीशान अंसारी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग, जिसे देश के लोकतंत्र का प्रहरी माना जाता है, अब राजनीतिक दबाव और सत्ता के प्रभाव में काम कर रहा है. यह संस्था अब निष्पक्ष नहीं रही, बल्कि सत्ताधारी दल की सेवक बन चुकी है. उन्होंने कहा, “जनता का भरोसा टूट चुका है. हमारा मकसद इस संस्था में फिर से निष्पक्षता का उजाला लाना है.
भाजपा के प्रभाव को खत्म करने का संदेश
आपको बता दे कि इस पूजा में मौजूद अधिवक्ता अभिषेक झा और आनंद यादव ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ एक था .चुनाव आयोग पर मंडरा रहे ‘भाजपा के बुरे साये’ और ‘सत्ता के प्रेत’ को खत्म करना. उनका कहना था कि यह संस्था जनता के लिए काम करे, न कि सत्ता के इशारों पर.
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के संविधान ने चुनाव आयोग को लोकतंत्र की रीढ़ की हड्डी बनाया था, लेकिन अब यह रीढ़ सत्ता के सामने झुक चुकी है. जो संस्था जनता के वोट की रक्षा करने के लिए बनी थी, वही अब “वोट की डकैती” और “लोकतंत्र की हत्या” में शामिल है.
लोकतंत्र जनता का हक, किसी संस्था की संपत्ति नहीं
जीशान अंसारी ने कहा, लोकतंत्र किसी संस्था की जागीर नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों का हक है. अगर सत्ता और उसके सहयोगी सोचते हैं कि वे जनता की आवाज़ दबा देंगे, तो याद रखें . हम समाजवादी चुप नहीं बैठेंगे, न झुकेंगे और न रुकेंगे.उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं पर नोटिस और पाबंदियों की बारिश हो रही है, जबकि सत्ताधारी दल की चुनावी गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग चुप है.
अधिकारों के हनन के खिलाफ सपा उठा रही आवाजः शुभम सेठ
सपा नेता शुभम सेठ ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक मर्यादा और जनता के अधिकारों के हनन के खिलाफ सपा खुलकर आवाज उठा रही है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग, जो संविधान के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है, अब अपनी भूमिका से भटक गया है और सत्ताधारी दल के इशारों पर काम करता नजर आ रहा है.
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप ..
सपा नेताओं ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटाया गया जिससे जनता के मतदान के अधिकार की लूट हो रही है.सरकारी मीडिया और संसाधनों का सत्ताधारी दल के प्रचार में खुला इस्तेमाल.विपक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई, जबकि सत्ताधारी दल की गलतियों पर चुप्पी.उनका कहना था कि ये केवल गलतियां नहीं, बल्कि जनता के साथ किया गया सुनियोजित धोखा और गद्दारी है.
सड़क से संसद तक आंदोलन की चेतावनी
सपा नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग ने “काली करतूतें” बंद नहीं कीं, तो वे सड़क से संसद तक आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, “हर गली, हर चौक और हर शहर में जनता का हुजूम उठेगा. यह सिर्फ चुनाव की लड़ाई नहीं होगी, बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई होगी.यह सिर्फ चेतावनी नहीं बल्कि एलान है. उनका कहना था कि जनता अब जाग चुकी है, और जब जनता उठती है तो बड़े-बड़े सिंहासन हिल जाते हैं.
कौन-कौन रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में अधिवक्ता अमरेंद्र पांडेय, प्रभाकर यादव, जवाहर यादव, विमल मिश्रा, उरूज़ रफी, कैफ, ओवैस, रितेश गुप्ता, जावेद, जीशान और कई अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए.