वाराणसीः जनपद में अगले महीने से आवारा कुत्तों के बंध्याकरण की प्रक्रिया एक नए चरण में प्रवेश करने जा रही है . शहर में नवनिर्मित एनीमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर में सितंबर से कुत्तों की नसबंदी की शुरुआत होगी . इस अत्याधुनिक केंद्र में एक दिन में 20 कुत्तों का बंध्याकरण करने की क्षमता होगी . इसके साथ ही यहां एक डॉग केयर सेंटर भी स्थापित किया गया है, जहां पालतू कुत्तों का उपचार और देखभाल किया जाएगा .
नगर निगम के अधिकारी की माने तो बंध्याकरण कार्य के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है . इस सप्ताह टेंडर खोला जाएगा और चयनित एजेंसी को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी . अभी तक निगम निजी संस्थाओं के माध्यम से उनके सेंटरों पर निर्धारित शुल्क देकर कुत्तों की नसबंदी कराता था, लेकिन अब यह सेवा अपने ही नए भवन से संचालित होगी .
सात माह से बंद है कुत्तों का बंध्याकरण
गौरतलब है कि पिछले सात महीनों से शहर में कुत्तों का बंध्याकरण पूरी तरह बंद है . पहले जिस एजेंसी से नगर निगम का अनुबंध था, उसकी कार्यशैली पर लगातार शिकायतें आने के बाद समझौता रद्द कर दिया गया था . इस वजह से शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है . नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग के अनुसार, वर्तमान में शहर में करीब 30 हजार आवारा कुत्ते हैं . हालांकि, यह आंकड़ा अनुमानित है क्योंकि नगर निगम के पास सही-सटीक डाटा मौजूद नहीं है . तीन साल पहले इनकी गणना के लिए एक सर्वे शुरू किया गया था, लेकिन यह केवल कुछ वार्डों तक ही सीमित रह गया .
बंध्याकरण अभियान हुआ जरूरी
शहर में कई सामाजिक संस्थाएं और पशु प्रेमी अपने स्तर से इन कुत्तों की देखभाल करते हैं, लेकिन बढ़ती संख्या को देखते हुए बंध्याकरण अभियान जरूरी हो गया है . नए एबीसी सेंटर की शुरुआत से उम्मीद है कि आवारा कुत्तों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आएगी और पालतू कुत्तों को बेहतर चिकित्सा सुविधा भी मिलेगी . यह कदम न केवल शहर में पशु कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि सड़क दुर्घटनाओं और कुत्तों से जुड़ी समस्याओं को भी कम करने में मदद करेगा .