
Bihar Politics: आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार की राजनीति तेज होती नजर आ रही है. वजह साफ है, तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' को लॉन्च कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रखी है. उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह 'ब्लैक बोर्ड' रखा गया है. अपने चुनाव चिन्ह की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए तेज प्रताप ने लिखा. हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं. हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है. हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जनता की असली आवाज बनेगी और युवाओं, किसानों से लेकर गरीबों के हक के लिए भी लड़ेगी.

इस चुनाव चिन्ह के जरिए तेज प्रताप अब अपने सियासी करियर की नई गाथा लिखने की शुरूआत भी कर चुके हैं. जिसका उदाहरण भी हर किसी के सामने है, तेज प्रताप अपनी नई पार्टी के जरिए राजद में नाराज नेताओं को नया विकल्प देने का काम कर बैठे है. हैरानी की बात तो यह है कि राजद पार्टी किसी और की नहीं बल्कि लालू परिवार की नींव है. जिसके साथ अब लालू के लाल ही एक बड़ा खेला खेलने में लगे हुए हैं. तेज प्रताप के इस कदम से आरजेडी के भीतर मानों तूफान आ गया है, क्योंकि लालू ने तेजस्वी को भले ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर रखा हो, फिर भी उन्हें बिहार चुनाव में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ ही सकता है.

'जनशक्ति जनता दल' के लॉन्च होने पर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप का इफेक्ट जरूर देखने को मिलेगा. क्योंकि लालू यादव के बड़े बेटे होने के नाते तेज प्रताप यादव राजद के वोटबैंक में सेंधमारी कर सकते हैं. इस सेंधमारी का कारण खुद लालू प्रसाद है. दरअसल, लालू की छवि हूबहू उनके बेटे तेज प्रताप में दिखाई देती है. उनके हाव-भाव और बोलचाल की शैली बिल्कुल अपने पिता लालू पर गई है. जिसके लोग आज भी दिवाने हैं, यहीं कारण है कि बिहार चुनावों में इसका काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है.

इससे भी चौकाने वाली बात तो यह है कि, अपनी नई पार्टी के जरिए बिहार चुनाव में तेज प्रताप लालू यादव के बड़े बेटे होने का फायदा जरूर उठाएंगे. जी हां, वह राजद का कुछ वोट काटने की चाल चल सकते है, ताकि राजद के नेता उनकी नई नवेली पार्टी को ज्वाइन कर सके.

ऐसे में ये सवाल तो उठना जायज है कि राजद पार्टी का कार्यभार संभालने वाले तेजस्वी यादव के लिए बिहार चुनाव में जीत हासिल करना काफी मुश्किल है, अब देखना ये होगा कि इस विधानसभा चुनाव में दो सगे भाइयों की ये जोड़ी क्या रंग लाती है. क्योंकि राजद और जनशक्ति जनता दल के बीच एक बड़ी टक्कर होना तो तय है.




