
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी है, जिसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. इस चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान भी हो चुका है. बिहार चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए 6 नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में इस चुनाव के पहले चरण का नामांकन भी जारी है. बात करें चुनाव के सीट बंटवारे की तो इसका असर अब झारखंड में साफ देखने को मिल रहा है.

जहां झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी (JMM) ने महागठबंधन यानी INDIA ब्लॉक को सख्त अल्टीमेटम दे दिया है. इस चेतावनी की वजह कुछ और नहीं बल्कि गठबंधनों में अभी तक सीट बंटवारों का ना होना है, जिसे लेकर बैठक पर बैठक पर नतीजा एक भी नहीं निकला. यहीं कारण है कि गठबंधन साथियों में इसको लेकर बेचैनी छाई हुई है.
बता दें, झामुमो पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सीट बंटवारा न होने पर इतने खफा हो बैठे कि उन्होंने महागठबंधन को कड़े तेवर दिखाए और कहा, “हम बिहार में कम से कम 12 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. क्योंकि, झारखंड में जब हमने गठबंधन किया था, तब कांग्रेस, राजद और CPI(ML)यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) को सम्मानजनक सीटें दी गई थीं.
हूबहू बिहार में भी हम भी वहीं सम्मान पाना चाहते हैं, अगर 14 अक्टूबर तक सीट बंटवारे पर बात नहीं बनी, तो झामुमो खुद अपना रास्ता चुनेगी. क्योंकि JMM किसी की बी-टीम नहीं है. बल्कि पार्टी की अपनी संगठनात्मक ताकत और जनाधार है. वह अकेले भी चुनाव लड़ने में काफी सक्षम है. हम INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, ऐसे में अगर हमारे साथ अन्याय होता है, तो हम भी चुप नहीं बैठने वाले.

झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के इस तीखे बयानबाजी से महागठबंधन का माहौल गर्मा उठा है. दरअसल, बिहार में RJD, कांग्रेस, CPI(ML) और अन्य छोटे दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही खींचताना चल रही है. लेकिन अब JMM के इस अल्टीमेटम ने INDIA गठबंधन की एकजुटता पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं. जिससे ये साफ होता है कि बनने से पहले ही ये बिखरने लगा है.




