
वाराणसी: मरीजों को इलाज कराने में ‘काशी प्लस’ एप बहुत हद तक मददगार साबित हो रहा है. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, ट्रॉमा सेंटर और महामना कैंसर अस्पताल के दो लाख मरीजों ने इलाज में इस एप की सहायता ली. पर्ची कटाने से लेकर रिपोर्ट दिखाने और दवा लेने तक की मुश्किलों को हल करने में आसानी हुई. इंटरनेट की कम स्पीड में भी एप बेहतर काम किया है. खास बात ये है कि मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड रहा हे.
रेजिडेंट डाक्टरों ने किया है तैयार
खास बात है कि इस एप को चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के रेजीडेंट्स ने मिलकर तैयार किया है. ये एप अस्पताल की सभी जानकारियां एक साथ एक ही जगह पर देता है. काशी प्लस एप के फाउंडर और चेस्ट विभाग के रेजीडेंट डॉ. कमलेश चौहान ने बताया कि हर दिन 50 से ज्यादा मरीज चैट सपोर्ट और टेलीमेडिसिन सेवाओं के जरिए इलाज में मदद ले रहे हैं.
गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर पर काशी प्लस का एप है, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है. वहीं अब तक 5000 से ज्यादा लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया है. गूगल प्ले स्टोर पर इस एप को 4.8 रेटिंग मिली है. डॉक्टरों के ओपीडी शेड्यूल, जांच दरें, उपलब्ध सरकारी योजनाएं, ऑनलाइन ओपीडी बुकिंग और खून जांच, दवा लेने के काम को ये एप क्रम से गाइड करता है.
लाइन में आने से पहले ही स्पष्ट होंगे नियम
इस एप के इस्तेमाल कर्ताओं के अनुसार अस्पताल में एक ही काम के लिए 10 जगह चक्कर नहीं काटने होंगे. यदि आपको जांच का पर्चा कटाना है तो उससे पहले उसकी तारीख कहां मिलेगी इसकी जानकारी एप पर पहले ही दे दी जाएगी. जबकि कई बार इसका पता तब चलता है जब तीमारदार घंटों लाइन में लगकर खिड़की तक पहुंचते हैं. तब पता चलता है कि अभी डेट लेकर आओ फिर पर्चा कटाओ. डॉ. चौहान ने बताया कि भटकने की समस्या काफी हद तक कम हुई है और उनका अनावश्यक समय और धन दोनों की बचत हो रही है.




