
Sharadh Purnima 2025: हर साल की तरह इस बार भी शरद पूर्णिमा का त्योहार धूम-धाम के साथ मनाया जायेगा. इस बार देशभर शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत की वर्षा करता है. जिसे कोजागरी पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी इस दिन धरती पर भ्रमण करती हैं और प्रसन्न रहती हैं. ऐसे में माता रानी की पूजा और मंत्र जप से मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं, जिससे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.

बता दें, शरद पूर्णिमा का व्रत हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि,अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा इस दिन अपनी किरणों से अमृत की बरसात करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन जिस चीजों पर भी चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं उसमें भी अमृत का संचार हो जाता है. इसलिए इसे शरद पूर्णिमा की खूबसूरत रात कहा जाता है.

पूर्णिमा तिथि का आरंभ इस बार 6 अक्टूबर 2025 को दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट पर होगा और पूर्णिमा तिथि 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाता है. इसलिए शरद पूर्णिमा का व्रत आदि 6 अक्टूबर को किया जाएगा.

शरद पूर्णिमा यानी मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी सबसे प्रसन्न मुद्रा में रहती हैं, सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होने का त्योहार है. माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. इस दिन मां लक्ष्मी के मंत्रों के जप करने चाहिए, 'ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः'. शरद पूर्णिमा के दिन इस मंत्र का जप घर में जरूर करना चाहिए.

शरद पूर्णिमा की रात को विशेष माना जाता है.क्योंकि, चंद्रमा अपनी पूरी चमक के साथ निकलता है. ये किरणें मन को शांति देती हैं. शरीर को ताजगी और ऊर्जा से भर देती हैं. ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी इस दिन धरती पर आकर भ्रमण करती हैं. जो व्यक्ति इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं.




