
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर काशी की संस्कृति और संगीत का भव्य संगम सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में देखने को मिला. नगर निगम वाराणसी की ओर से आयोजित इस खास अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित सुविख्यात गायिका उर्मिला श्रीवास्तव ने अपनी मधुर आवाज़ से ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
“हमके सावन में झूलनी दिया दा पिया”
कार्यक्रम की शुरुआत में उर्मिला श्रीवास्तव ने जब पारंपरिक कजरी “हमके सावन में झूलनी दिया दा पिया” गाया, तो वहां मौजूद हर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गया. उनकी प्रस्तुति ने न सिर्फ दर्शकों को भावविभोर किया बल्कि सावन-भादों की लोक परंपरा को मंच पर जीवंत कर दिया. जैसे-जैसे सुर और ताल का संगम आगे बढ़ा, वैसे-वैसे उत्साह और जोश भी बढ़ता गया.

लोकधुनों और तालियों की गूंज से हर कोना रहा सराबोर
कजरी संध्या में अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मोहित किया. रागिनी चन्द्रा और प्रियंका चौहान ने सोहर और कजरी प्रस्तुत कर वातावरण को और भी संगीतमय बना दिया. पूरे आयोजन में लोकधुनों और तालियों की गूंज से रूद्राक्ष का हर कोना सराबोर रहा.

इनकी रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर मंच का संचालन जयशंकर शर्मा ने किया. कार्यक्रम में शहर की राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक गरिमा भी झलकी. स्टाम्प पंजीयन मंत्री रविन्द्र जायसवाल, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र राय, भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरी, मंडलायुक्त एस. राज लिंगम, जिलाधिकारी सत्येन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल और नगर आयुक्त अक्षत वर्मा समेत हज़ारों दर्शक उपस्थित रहे.

सांस्कृतिक विरासत का बना जीवंत उत्सव
महापौर अशोक कुमार तिवारी की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम सिर्फ़ एक संगीतमयी संध्या ही नहीं था, बल्कि काशी की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उत्सव भी बना. कजरी की मधुर स्वर लहरियों ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन की पूर्व संध्या को अविस्मरणीय बना दिया और श्रोताओं के लिए यह शाम लंबे समय तक यादगार रहेगी.





