Wednesday, 03 September 2025

वाराणसी में मातृशक्ति के सम्मान को समर्पित होगा तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

वाराणसी में मातृशक्ति के सम्मान को समर्पित होगा तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव
Aug 12, 2025, 08:11 AM
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Posted By Ujjwal Singh

वाराणसी :हरे कृष्ण-हरे राम संकीर्तन सोसाइटी इस साल का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पूरी तरह मातृशक्ति के सम्मान और उत्थान को समर्पित कर रही है. इस तीन दिन चलने वाले भव्य उत्सव की खास बात यह होगी कि सभी धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों की अगुवाई सोसाइटी की महिला सदस्य करेंगी. सोसाइटी का मानना है कि धार्मिक कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी हमेशा से रही है, लेकिन इस बार हर प्रमुख कार्य और अनुष्ठान का संचालन महिलाएं करेंगी, ताकि समाज में उनके योगदान को और अधिक सम्मान मिल सके. पुरुष सदस्य इस पूरे आयोजन में केवल सहयोगी की भूमिका निभाएंगे.


महोत्सव की तिथियां और स्थान


सोसाइटी के अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद दास ने जानकारी दी कि यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव 15 अगस्त से 17 अगस्त तक चलेगा. सभी कार्यक्रम महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित किए जाएंगे. मुख्य अनुष्ठान 16 अगस्त को होगा, जब भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह को भक्तिभाव से 56 भोग अर्पित किए जाएंगे.


शोभायात्रा से होगा आगाज़


महोत्सव की शुरुआत 15 अगस्त की सुबह एक भव्य शोभायात्रा से होगी. यह शोभायात्रा अन्नपूर्णानगर कॉलोनी (विद्यापीठ मार्ग) से सुबह 6 बजे प्रारंभ होकर माहेश्वरी भवन में समाप्त होगी. यात्रा के दौरान सजाए गए रथ, झांकियां और भजन-कीर्तन का आयोजन होगा. साथ ही, समाज में प्रासंगिक विभिन्न मुद्दों पर जनजागरण संदेश भी दिए जाएंगे, जैसे पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण आदि.


पहले दिन का कार्यक्रम – 15 अगस्त


शोभायात्रा के समापन के बाद शाम को माहेश्वरी भवन में धार्मिक कार्यक्रम शुरू होंगे. इसमें सबसे पहले तुलसी पूजन होगा, उसके बाद गौर एवं नृसिंह आरती संपन्न की जाएगी. इसके बाद भक्तगण हरे राम संकीर्तन में शामिल होंगे. रात को भजन संध्या और भागवत चर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धार्मिक कथाओं के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके आदर्शों का वर्णन होगा.


दूसरा दिन – 16 अगस्त


दूसरे दिन यानी 16 अगस्त को शाम 5 बजे कार्यक्रम की शुरुआत तुलसी पूजन से होगी. इसके बाद रात 10 बजे विशेष रूप से तैयार मंच पर लड्डू गोपाल का महाभिषेक होगा. इस अभिषेक में ब्रह्म संहिता के मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा, जो माहौल को भक्तिमय बना देगा.रात 12 बजे ठीक जन्माष्टमी के पावन क्षण पर महाआरती का आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाएंगे.


तीसरा दिन – 17 अगस्त


अंतिम दिन 17 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा. यह उत्सव नंद बाबा के आंगन में कृष्ण जन्म की खुशी में आयोजित होने वाली परंपरा का प्रतीक है. इस दिन व्यास पूजन, हरिनाम संकीर्तन, तुलसी पूजन, गौर एवं नृसिंह आरती और भजन संध्या का आयोजन होगा.भजन संध्या में स्थानीय और बाहरी कलाकार कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत करेंगे, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो जाएंगे.

मातृशक्ति की भूमिका


इस पूरे महोत्सव की खासियत यह है कि सभी अनुष्ठानों में मातृशक्ति की भूमिका प्रमुख होगी. चाहे वह तुलसी पूजन के मंत्रोच्चार हों, ब्रह्म संहिता के श्लोकों का पाठ हो, या भजन संध्या का संचालन हर कार्य में महिला सदस्य ही नेतृत्व करेंगी . पुरुष सदस्य मंच सजावट, व्यवस्था, और तकनीकी सहयोग का कार्य संभालेंगे.

सोसाइटी का मानना है कि इस पहल से महिलाओं को धार्मिक मंचों पर और अधिक सम्मान मिलेगा और उनकी प्रतिभा को समाज के सामने लाने का अवसर भी मिलेगा.


महिला श्रद्धालुओं में दिख रहा भारी उत्साह


कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं और स्थानीय श्रद्धालु इसमें भाग लेने के लिए उत्साहित हैं. महिलाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि पहली बार उन्हें इतने बड़े धार्मिक आयोजन में नेतृत्व का अवसर मिल रहा है. आयोजकों ने भी उम्मीद जताई है कि यह प्रयास आने वाले वर्षों में अन्य संस्थाओं के लिए भी प्रेरणा बनेगा.

Ujjwal Singh

News Author

Ujjwal Singh