वाराणसी : यातायात व्यवस्था को और सुगम बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है. विभाग रिंग रोड से लेकर पलही पट्टी (चोलापुर) तक लगभग 8.5 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाने की तैयारी में है. इस सड़क का डिजाइन न केवल यातायात की सुगमता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, बल्कि सौंदर्यीकरण पर भी विशेष जोर दिया जाएगा. खास बात यह है कि इस पूरी सड़क पर विक्टोरिया शैली की हाई-मास्ट लाइटें लगाई जाएंगी, जो रात में पूरे मार्ग को रोशन करेंगी और क्षेत्र को एक नया, आधुनिक रूप देंगी.
फूलों से सजे बनाए जाएंगे डिवाइडर
प्रस्तावित योजना के तहत सड़क के बीचों-बीच आकर्षक फूलों से सजे डिवाइडर तैयार किए जाएंगे. वहीं, दोनों किनारों पर नालियों का निर्माण होगा, ताकि बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या न रहे. साथ ही, यूटिलिटी डक्ट भी बनाए जाएंगे, जिससे बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सेवाओं की लाइनें सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से डाली जा सकें.
बनाने में खर्च होंगे 200 करोड़ रूपये
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत, भूमि अधिग्रहण और मुआवजे समेत, लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी गई है. भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू करने की योजना है, ताकि निर्धारित समय में इसे पूरा किया जा सके. यह सड़क भोजूबीर से सिंधोरा जाने वाले मार्ग का हिस्सा होगी, जो वर्तमान में "अन्य जिला मार्ग" (ODR) के रूप में जाना जाता है. यह मार्ग केराकत होकर जौनपुर और आजमगढ़ जिलों को सीधे वाराणसी से जोड़ता है. साथ ही, यह इन जिलों के लिए एक सुविधाजनक बाईपास का काम करता है, जिससे शहर के भीतरी हिस्सों में भारी वाहनों और लंबी दूरी के यातायात का दबाव कम हो जाता है.
फोरलेन विस्तार के लिए आधार है तैयार
उल्लेखनीय है कि रिंग रोड से होकर इस मार्ग की चौड़ाई पहले ही बढ़ाई जा चुकी है, जिससे फोरलेन विस्तार के लिए आधार तैयार हो गया है. सड़क के किनारे कई महत्वपूर्ण स्थान और संस्थान मौजूद हैं, जो इसके महत्व को और बढ़ाते हैं. इनमें प्रमुख हैं स्थानीय सब्जी मंडी, प्राचीन मंदिर, विभिन्न कॉलेज, पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल, संत रविदास IAS-PCS पूर्व प्रशिक्षण संस्थान, वीडीए द्वारा विकसित कॉलोनियां और अनेक बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठान.
घटेगी दुर्घटनाओं की संभावना
वर्तमान में यह मार्ग अत्यधिक व्यस्त रहता है, विशेषकर सुबह और शाम के समय यातायात दबाव चरम पर होता है. बड़े वाहनों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों और छात्रों का आना-जाना इस सड़क पर लगातार बना रहता है. ऐसे में फोरलेन निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी. स्थानीय लोगों का मानना है कि फोरलेन सड़क बनने से न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. विक्टोरिया लाइटों और फूलों से सजे डिवाइडर के कारण इस अर्द्धशहरी क्षेत्र का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा, जिससे यह वाराणसी के विकसित इलाकों की श्रेणी में आ जाएगा.
वाराणसी के लिए यह परियोजना केवल एक सड़क नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास की नई दिशा है. इसके बन जाने के बाद जौनपुर, आजमगढ़ और आसपास के क्षेत्रों से आने-जाने वाले लोगों को भी बेहतर और तेज कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा.