
Why do we worship Hanuman on the night of Narak Chaturdashi? Know the reason
Choti Diwali 2025: दीपावली त्योहार को लेकर देशभर में आज धूम मची हुई है. हर्ष और उल्लास से भरे इस पर्व पर लोग बाजारों में खूब खरीदारी कर रहे हैं. घरों से लेकर मार्केट तक दीवाली पर्व की रौनक देखने को मिल रही हैं. यह त्योहार पूरे भारत में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जहाँ लोग अपने घरों को दीयों और झालरों से सजाते के साथ ही सुख-समृद्धि की कामना के लिए माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं. छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस पावन पर्व पर सिर्फ दीप जलाना नहीं, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी इसे मनाया जाता है.

धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दीवाली का पर्व हर किसी के लिए काफी खास होता है. इस छोटी दीपावली के दिन यमराज देवता जी की पूजा की जाती है और इनके नाम से घरों में दीये भी जलाए जाते है. कहते हैं कि, ऐसा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती हैं. यहीं कारण है कि इस दिन यमराज जी के लिए दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है. लेकिन शायद आपको ये नहीं पता कि छोटी दीवाली मनाने के पीछे का कारण क्या है. तो चलिए आज हम आपको छोटी दीवाली मनाने की वजह बताते हैं.

छोटी दीवाली मनाने के पीछे का कारण यह है कि धार्मिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में नरकासुर नाम का एक राक्षस था जिसे वरदान मिला था कि भूदेवी यानी (पृथ्वी माता) के सिवा कोई भी उसका वध नहीं कर सकता. इस वरदान के घमंड में वह देवताओं, ऋषियों यहां तक कि स्वर्ग की अप्सराओं पर भी अत्याचार करने लगा. उसके इस अत्याचार से पूरा देवलोक भयभीत हो गया. जिसे देखते हुए देवताओं की मदद करने के लिए भगवान श्री कृष्ण आगे आए, क्योंकि उन्हें ये पता था कि उनकी पत्नी सत्यभामा स्वयं भूदेवी का अवतार हैं, जिसके चलते श्री कृष्ण भगवान ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध कर दिया.

इसी की खुशी में लोगों ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था, तभी से छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. इसी नरक चतुर्दशी को कई नामों से भी जाना जाता है. कहीं, इसे यम चतुर्दशी कहा जाता है, तो कहीं रूप चतुर्दशी या फिर रूप चौदस के नाम से भी जानते हैं. कई क्षेत्रों में इसे नरक चौदस या नरक पूजा भी कहा जाता है. हालांकि, यह दिन छोटी दिवाली के रूप में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इसके अगले दिन बड़ी दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन श्री गणेश-लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है.
दीपावली का पांच दिवसीय पर्व पूरे देश में बड़े उमंग के साथ मनाया जाता है. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करना बड़ा ही फलदायी माना जाता है. छोटी दिवाली के दिन यमराज देवता जी के नाम का दीपक जलाने के साथ ही हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करके सभी दुखों और पापों का नाश किया जा सकता है. तो चलिए जानते हैं कि छोटी दिवाली की रात हनुमान जी के लिए कैसा दीपक जलाना चाहिए.

नरक चतुर्दशी की रात हनुमान जी की पूजा करते समय सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए. फिर, दीप जलाकर 'ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्' मंत्र का जाप करें. कहते हैं कि इस एक उपाय को करने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
नरक चतुर्थी की रात हनुमान जी उपासना करते समय चौमुखी दीपक भी जलाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है. यह दीया घर के ईशान कोण में रखना चाहिए, जो कि शुद्ध देसी घी या सरसों के तेल से जलाया जा सकता है.




