
वाराणसी: काशी नगरी तीन दिनों के लिए हृदय रोग विशेषज्ञों का वैश्विक केंद्र बनने जा रही है. इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (ICC) के शिनवार तक चलने वाले 32वें अधिवेशन में भारत सहित दुनिया भर से आए 1000 से अधिक कार्डियोलॉजिस्ट हृदय रोगों के आधुनिक उपचार, नई औषधियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर मंथन करेंगे.

एआई और मेक इन इंडिया पर फोकस
गुरुवार से शुरू सम्मेलन का मुख्य केंद्र बिंदु हृदय रोगों के बढ़ते खतरे और भविष्य की चुनौतियां रखी गई है. इसमें विशेषज्ञ बताएंगे कि कैसे एआई और नई तकनीकें हृदय रोग की पहचान व इलाज को आसान बना सकती हैं. ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विकसित अत्याधुनिक उपकरणों और दवाओं पर भी चर्चा होगी.

भारतीय व आधुनिक चिकित्सा का संगम
अधिवेशन में यह भी तलाशा जाएगा कि कैसे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को भारतीय पारंपरिक चिकित्सा के शाश्वत ज्ञान से जोड़ा जाए ताकि मरीजों को और बेहतर उपचार मिल सके. कार्यक्रम के दौरान हृदय रोगों से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान पर आधारित एक विशेष मैनुअल भी जारी किया जाएगा, जो आने वाले समय में चिकित्सकों के लिए मार्गदर्शक साबित होगा. काशी की इस धरती पर आयोजित यह अधिवेशन न सिर्फ चिकित्सा जगत के लिए नई राहें खोलेगा, बल्कि हृदय रोगियों के लिए बेहतर और सुरक्षित भविष्य की दिशा भी तय करेगा.





