वाराणसीः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इस बार काशी को ‘स्माइल परियोजना’ से जोड़ा गया है. इस अभियान का उद्देश्य भिक्षावृत्ति को समाप्त कर बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना है. गांधी जयंती के अवसर पर इस वर्ष दो अक्टूबर को इसकी शुरुआत की जाएगी.
परियोजना के दौरान लगभग दो लाख बच्चों को संकल्प दिलाने का लक्ष्य रखा गया है कि वे कभी भी किसी से भीख नहीं मांगेंगे. इसके साथ ही उन्हें यह शपथ भी दिलाई जाएगी कि वे अपने परिवार और समाज को भी इस कुरीति से मुक्त करेंगे.
प्रचार-प्रसार के माध्यम से करेंगे पहल
‘स्माइल परियोजना’ केअभियान के लिए शहर भर में विभिन्न प्रकार के प्रचार-प्रसार किए जाएंगे. इसमें बैनर, पोस्टर, होर्डिंग आदि जगह-जगह लगाकर लोगों को इसके लिए जागृत किया जाएगा. साथ ही स्कूलों और मंदिर क्षेत्रों को भी इस पहल से जोड़ा जाएगा.
स्माइल परियोजना का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य मकसद बच्चों को शिक्षा और रोजगार से जोड़ना है. वाराणसी में बीते तीन वर्षों में कई बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर ‘अपना घर आश्रम’ में भेजा गया है. यहां उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ रोजगारपरक हुनर भी सिखाया जा रहा है.
अप्रैल 2023 तक 20 बैठकों में जिला प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और घाट क्षेत्रों को केंद्र बनाकर यह अभियान चलाया। अब तक कुल 546 बच्चों को रेस्क्यू करके आश्रम भेजा जा चुका है।
अधिकारी का कहना
अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. के. निरंजन के अनुसार, “हमारा लक्ष्य है कि काशी को पूरी तरह भिक्षावृत्ति से मुक्त किया जाए। इसके लिए हर स्तर पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।”