वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में गुरुवार को छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए विवाद ने अचानक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया .मामला इतना बढ़ा कि बड़ी संख्या में छात्र बिड़ला हॉस्टल के बाहर सड़क पर उतर आए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
नरिया गेट पर शुरू हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत नरिया गेट से हुई. कुछ छात्र किसी कार्य से बाहर जाकर वापस लौट रहे थे. कैंपस में प्रवेश के दौरान उनकी सुरक्षाकर्मियों से कहासुनी हो गई. छात्रों का आरोप है कि मामूली बहस को सुरक्षाकर्मियों ने जानबूझकर बढ़ाया और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने उनसे बदसलूकी की. इतना ही नहीं उनके बीच हुई बातचीत के बाद हाथापाई तक की नौबत आ गई.
सड़क पर उतरे छात्र, की जमकर नारेबाजी
जैसे ही यह खबर बिड़ला हॉस्टल तक पहुंची, बड़ी संख्या में छात्र बाहर निकल आए. गुस्साए छात्रों ने बिड़ला हॉस्टल के बाहर सड़क जाम कर दिया और धरने पर बैठ गए. छात्रों ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि दोषी सुरक्षाकर्मियों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. उनका कहना था कि यह कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोग छात्रों के साथ अभद्रता कर चुके हैं, लेकिन अब तक कभी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई.
प्रशासन से टकराव
छात्रों के प्रदर्शन की खबर मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने छात्रों से संवाद कर उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपने रुख पर अड़े रहे. उन्होंने साफ कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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देर रात खत्म हुआ धरना
लंबी बातचीत और आश्वासन के बाद अंततः देर रात छात्रों ने धरना खत्म किया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
छात्रों ने दी चेतावनी
छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते दोषियों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में उनका आंदोलन और व्यापक तथा उग्र हो सकता है.