
वाराणसी : बीएचयू ड्रोन की पढ़ाई के साथ ही निर्माण भी कराएगा. यहां की स्टार्टअप कंपनियों को दक्षिण भारत में ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग का ऑफर मिलने लगा है. अटल इंक्यूबेशन में काम कर रही ड्रोन स्टार्टअप कंपनी पैवेक अक्तूबर में ही बंगलूरू में अपना यूनिट खोलने जा रही है. यहां कमर्शियल स्तर पर उत्पादन होगा.

महाकुंभ में यहां के बने ड्रोन से हुई थी निगरानी
बीएचयू अटल इंक्यूबेशन सेंटर के (एआईसी) के प्रमुख प्रो. पीवी राजीय ने बताया कि दक्षिण भारत की ओर से ड्रोन इंडस्ट्री के लिए मुफ्त में जमीन और पूंजीगत खर्चे भी दिए जाएंगे. इसके अलावा भी मदद मिलेगी. फिलहाल छोटे साइज के सर्विलांस ड्रोन बनाने के लिए भी बनारस के आसपास जगह तलाशी जा रही है. बीएचयू के एआईसी की ओर से इसका प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जाएगा. यहां पर बने ड्रोन से महाकुंभ की भीड़ का मैनेजमेंट और सुरक्षा निगरानी की तरह से इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि डीजीसीए से लेकर डीजीक्यूए समेत कई संस्थाओं की ओर से अनुमति दी जाएगी, उसके बाद ही कहीं पर युनिट तैयार की जा सकती है.

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बीएचयू में हो चुके हैं कई परीक्षण
प्रो. राजीव के मुताबिक दिल्ली से आए अधिकारियों ने इंक्यूबेशन सेंटर का दौरा कर यहां बनाई गई ड्रोन की कार्यप्रणाली भी जांची. इसमें सैन्य सेवाओं से भी जुड़े लोग थे. बीएचयू के हेलिपैड वाले क्षेत्र की ओर से यहां बने कई तरह के ड्रोन का परीक्षण भी कराया गया जो कि कई मानकों पर फिट बैठते दिखाई दे रहे हैं. ये सभी ड्रोन सर्विलांस, कृषि में बीज छिटाई के कामों से लेकर स्मार्ट सिटी और भीड प्रबंधन करने में भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं.





