वाराणसीः बीएचयू के तेलुगू विभागाध्यक्ष प्रो. चेल्ला श्रीरामचन्द्र मूर्ति पर कुछ दिनों पूर्व हुए हमले के मुख्य आरोपी गणेश पासी उर्फ प्रमोद को पुलिस ने बुधवार को नुवांव में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया . इस दौरान पुलिस की गोली लगने से उसके पैर में चोट आई थी. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि हमले की साज़िश विभाग के पूर्व प्रमुख ने रची थी.
जांच में क्या पता चला
पुलिस की जांच में सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि प्रोफेसर पर हमला करने के बाद हमलावर बीएचयू के सीर गेट से निकलकर पास ही सूरज के रिश्तेदार के घर गए थे. फुटेज से बाइक का नंबर भी मिला, जो सूरज की थी और जिसे उसने हमलावर प्रद्युम्न व विशाल को दी थी. रिश्तेदार से पूछताछ में सूरज के दोस्तों के बारे में जानकारी मिली, जिसमें वेदांत का नाम सामने आया.
इस तरह हुआ साजिश का खुलासा
सबसे पहले पुलिस ने वेदांत को पकड़ा और उससे हुई कड़ाई से पूछताछ में पूरी साजिश का खुलासा हुआ. वेदांत को जेल भेजने के बाद पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश में जुट गई. पुलिस के अनुसार प्रो. वेंकटेश्वरलु हैदराबाद भाग गए हैं और उनकी आखिरी लोकेशन मैसूर विश्वविद्यालय की मिली है. हमलावर प्रद्युम्न व विशाल के खिलाफ पहले से ही हत्या और हत्या की साजिश के पांच-छह मामले दर्ज हैं. इस मामले में आरोपित मो. कासिम और सूरज दुबे भी फरार हैं.
हत्या को दिए 48 हजार रुपये की सुपारी
पुलिस की जांच में सामने आया कि भास्कर ने तेलंगाना के मकथल निवासी अपने दोस्त मोहम्मद कासिम से संपर्क किया. 25 जुलाई को भास्कर और कासिम वाराणसी पहुंचे और लंका स्थित होटल वाराणसी विला में ठहरे. कासिम ने भास्कर की मुलाकात अपने दोस्त गणेश पासी से कराई और उसे 48 हजार रुपये देकर हत्या की जिम्मेदारी सौंपी. गणेश ने गाजीपुर के सूरज दुबे, प्रद्युम्न यादव, विशाल यादव और जौनपुर के वेदांत भूषण मिश्रा को साजिश में शामिल किया. सभी ने 26 और 27 जुलाई को रेकी की और 28 जुलाई को प्रोफेसर मूर्ति पर हमला किया, जिसमें हमला विशाल और प्रद्युम्न ने किया था.