
वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी पहली बार विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थियों के बीच खुले संवाद के लिए पहुंचे. स्वतंत्रता भवन में आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में कुलपति ने छात्रों के प्रश्नों और चिंताओं को गंभीरता से सुना और कई मुद्दों पर अपनी राय साझा की.

फेलोशिप राशि वृद्धि का मुद्दा
शोधार्थियों ने नॉन-नेट फेलोशिप राशि बढ़ाने की मांग प्रमुखता से रखी. इस पर कुलपति ने स्पष्ट कहा कि यह विवि के अधिकार क्षेत्र से बाहर का विषय है, लेकिन विश्वविद्यालय इस मुद्दे को उचित मंच पर गंभीरता से उठाएगा.उन्होंने भरोसा दिलाया कि शोधार्थियों की समस्याओं और अपेक्षाओं को केंद्र तक पहुँचाने में विवि कोई कोताही नहीं बरतेगा.

शोध कार्यों के लिए संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर
शोधार्थियों ने सॉफ्टवेयर उपलब्धता और ओपन एक्सेस में प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता की मांग भी उठाई.इस पर कुलपति ने सहमति जताते हुए कहा कि शोध गुणवत्ता विश्वविद्यालय की पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ाने का आधार है. उन्होंने कहा कि बीएचयू छात्रों को उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता की ओर सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

छात्रावास और अन्य सुविधाओं पर बातचीत
कई शोधार्थियों ने छात्रावास की सुविधाओं और कैंपस के सहज माहौल का मुद्दा भी उठाया. कुलपति ने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है कि कैंपस का वातावरण शोध और शिक्षा के विद्यार्थी लिए और अधिक अनुकूल हो.

इंटर्नशिप और प्लेसमेंट पर नया फोकस
कुलपति ने बताया कि प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ का नाम बदलकर अब ‘इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ’ किया जाएगा. इसका उद्देश्य छात्रों को पेशेवर अवसरों से बेहतर ढंग से जोड़ना है. उन्होंने कहा कि छात्रों को शिक्षण और पाठ्यक्रम मूल्यांकन में फीडबैक प्रणाली से भी जोड़ा जाएगा.
गुणवत्तापूर्ण शोध से ही मिलेगा लक्ष्य
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि शोध की गुणवत्ता न केवल विश्वविद्यालय की छवि को ऊंचा करेगी, बल्कि समाज में परिवर्तनकारी बदलाव लाने में भी योगदान देगी. उन्होंने शोधार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने काम में नवीनता और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करें.
संवाद बनाए रखने पर बल
कुलपति ने जोर देकर कहा कि सही लोगों से और सही मंच पर लगातार संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है। विश्वविद्यालय तभी आगे बढ़ेगा जब छात्र, शिक्षक और कर्मचारी सभी एक साझा लक्ष्य को लेकर प्रयास करें. उन्होंने कहा कि बीएचयू के प्रति सकारात्मक धारणा बनाना सभी हितधारकों की जिम्मेदारी है.
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वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में रेक्टर प्रो. संजय कुमार और रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह ने भी विचार रखे. उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय उनके सुझावों और मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करेगा.
इस संवाद से यह स्पष्ट संदेश गया कि बीएचयू शोधार्थियों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करेगा, बल्कि उनकी आवाज को सही मंच तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा.





