
वाराणसी: बीएचयू में 12 दिसंबर को 105वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा. इसमें करीब 15000 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी जाएंगी. स्नातक में 8300 और परास्नातक में 5500 उपाधियां मिलेंगी, जबकि 900 शोधार्थियों को एमफिल और पीएचडी की डिंग्रियां बांटी जाएंगी. इनके अलावा विवि से लेकर महाविद्यालयों के दीक्षांत में एकेडमिक काउंसिल में सदस्य के तौर पर शामिल कुल 350 प्रोफेसर भी हिस्सेदारी करेंगे. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.
पिछले साल 104वें दीक्षांत के मुकाबले इस बार 700 से लेकर 1000 ज्यादा उपाधि धारक होने की संभावना है. अब तक पीजी के 326 और यूजी के 190 उपाधि धारक सहित 12 शोधार्थियों की संख्या पिछले सत्र से ज्यादा हो चुकी है. हालांकि अभी उपाधि धारकों की अंतिम सूची तैयार नहीं हुई है लेकिन इसमें बदलाव भी किए जा सकते हैं.
परिधान का चुकाना होगा मूल्य, मालवीय पगड़ी के चार रंग
बीएचयू की ओर से दीक्षांत समारोह का एकेडमिक परिधान भी दिया जाएगा. इसका मूल्य चुकाना होगा, जिसका रेट तय किया जा रहा है. कुल 15550 साफा और उत्तरीय वितरित किए जाएंगे. दीक्षांत में चार रंगों की मालवीय पगड़ी होगी. इसमें एकेडमिक काउंसिल सदस्यों को केसरिया, एमफिल और पीएचडी को पीला, पीजी छात्रों को मेहरून और यूजी के उपाधि धारकों को गुलाबी साफा दिया जाएगा. चंदेरी सिल्क कपड़े के उत्तरीय पर बीएचयू का लोगो और सिंह द्वार अंकित होगा.

हो सकते हैं 550 से ज्यादा गोल्ड मेडल
स्वतंत्रता भवन में दीक्षांत समारोह के मुख्य मंच से करीब 40 मेधावियों को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. इसमें चांसलर मेडल, महाराजा विभूति नारायण गोल्ड मेडल और बीएचयू मेडल पाने वाले टॉपर छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. दीक्षांत कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9.30 बजे तक हो जाएगी. अभी मुख्य अतिथि का नाम तय नहीं हुआ है.

अलग-अलग होगा विवि और कॉलेजों का समारोह
दीक्षांत समारोह में सबसे पहले मेन कैंपस में कार्यक्रम होगा. एक दिन बाद संस्थान, संकाय और महाविद्यालयों का दीक्षांत समारोह अलग-अलग मनाया जाएगा. मुख्य दीक्षांत समारोह की देखरेख, सुविधा और व्यवस्था के लिए विश्वविद्यालय के स्तर पर समितियां और उप-समितियां काम कर रहीं हैं. वहीं विभागों की ओर से पदक और उपाधि धारकों की सूची तैयार की जा रही है.




