
वाराणसी: कचहरी में मंगलवार को हुए बवाल को लेकर घायल दरोगा की तहरीर पद देर रात घायल दरोगा की तहरीर पर कैंट थाने में दस नामजद और 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया. नामजद लोगों में अजीत मौर्या, मोहित मौर्या, अजीत वर्मा उर्फ राजा, राजन पांडेय, शेखर यादव, अजीत सिंह, सुमित सिंह, आलोक सौरभ, प्रकाश शंकर श्रीवास्तव और ईशान शामिल हैं. इसके अलावा 60 अज्ञात पर हत्या के प्रयास, गैरइरादतन हत्या के प्रयास, बलवा, गैरकानूनी तौर पर इकट्ठा होना. धारदार हथियार से वार. सरकारी कर्मचारी पर हमला, सरकारी काम में बाधा, डकैती के लिए चोट पहुंचाना, 7 सीएलए एक्ट समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि सभी ने लामबंद होकर लोक सेवक के कर्तव्य में बाधा डालते हुए खतरनाक हथियार से लैश होकर घेर कर गाली गलौज की. धमकी देते हुए जान से मारने की नियत से मारपीट कर मरणासन्न अवस्था में नाले में फेंक दिया. उनके पर्स से पहचान पत्र, पुलिस परिचय पत्र, 4200 रुपये छीन लिये और वर्दी फाड़ दी.

बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा
कचहरी में मंगलवार की दोपहर दो बजे सब कुछ सामान्यक था कि इसी बीच सरकारी काम से आए बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश प्रजापति (37) और कांस्टेबल राणा प्रसाद (27) को डीएम पोर्टिका में आरोपियों ने बेरहमी से पीटा और उनकी वर्दी फाड़ दी. इसके बाद एसीएम प्रथम कार्यालय में बंधक बनाकर रखा और पिटाई करते रहे. पुलिस ने किसी तरह दरोगा की जान बचाई और अस्पताल में भर्ती कराया. घायल दरोगा का बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है. दरोगा के सिर और चेहरे पर गंभीर चोट लगी है. दरोगा की हालत में सुधार है. सिपाही राणा प्रसाद का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया था. बीच बचाव करने पहुंचे एसीएम के हेड मोहर्रिर को भी पीटा गया था. आरोपी अधिवक्ताओं की पहचान के लिए परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है.
दो पक्षों के भूमि विवाद ने ऐसे पकडा तूल
बता दें कि गत शनिवार को समाधान दिवस पर बड़ागांव थाने में पुआरी खुर्द निवासी मोहित सिंह मौर्य और प्रेम चंद्र मौर्य के बीच भूमि विवाद का मामला पहुंचा था. पुलिस अधिकारियों के सामने ही दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर दिया था. मोहित सिंह मौर्य ने खुद को अधिवक्ता बताया था. मोहित का आरोप था कि दरोगा सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने अपराधी जैसा सलूक किया था. उन्हें लॉकअप में डाल दिया था. इसकी सूचना मिलने के बाद छह अधिवक्ता बड़ागांव थाने पहुंचे थे फिर उसे छोड़ा गया था. इससे मोहित नाराज था.
इस बीच मंगलवार की दोपहर 2 बजे बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश प्रजापति और कांस्टेबल राणा प्रसाद एक मामले की केस डायरी के साथ कचहरी पहुंचे और एसीएम प्रथम की कोर्ट में जमा कराने का प्रयास करने लगे.
पहले नाम पूछा, फिर किया हमला
डीएम पोर्टिको के बाहर जुटे अधिवक्ताओं ने दरोगा और कांस्टेबल से नाम, थाना पूछा. जैसे ही पता चला कि दोनों बड़ागांव थाने से आए हैं, वैसे ही आरोपियों ने हमला बोल दिया. दरोगा मिथलेश और कांस्टेबल की जमकर पिटाई की. साथ ही दरोगा को पकड़ कर एसीएम प्रथम के चेंबर में ले गए और बंधक बना लिया. बीचबचाव करने वाले एसीएम तृतीय के मोहर्रिर को भी अधिवक्ताओं ने नहीं बख्शा और जमकर पीटा.
कचहरी चौकी से चार पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन मामले को नहीं संभाल सके. इसके बाद सूचना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। एसीपी कैंट नितिन तनेजा और कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा फोर्स के साथ कचहरी पहुंच गए. किसी तरह दरोगा मिथलेश को अधिवक्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया.





