
वाराणसी – महादेव की नगरी काशी के अन्नक्षेत्र में प्रत्येक वर्ष की परंपरा के अनुसार इस बार भी धनतेरस से शुरू हो रहे स्वर्णमयी अन्नपूर्णा माता के दर्शन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा. मंदिर के महंत शंकरपुरी ने गुरुवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में इस पांच दिवसीय आयोजन की विस्तृत जानकारी साझा की. दर्शन 18 अक्टूबर (धनतेरस) से प्रारंभ होकर 22 अक्टूबर (अन्नकूट पर्व) तक चलेगा. धनतेरस की भोर में सुबह 4 बजे महाआरती और लक्ष्मी पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ होगा, उसके ठीक बाद 5 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए माता के कपाट खोल दिए जाएंगे.

प्रवेश और निकास
महंत शंकरपुरी ने बताया कि भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रवेश द्वार बांसफाटक, कोतवालपुरा गेट नंबर और ढूंढीराज गणेश मंदिर के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा. अस्थायी सीढ़ियों के सहारे श्रद्धालु मंदिर के प्रथम तल पर स्थित स्वर्णमयी माता के दर्शन कक्ष तक पहुंच सकेंगे. गेट पर ही माता का प्रसाद रूप में खजाना और लावा वितरित किया जाएगा. दर्शन के बाद भक्तों को पीछे के रास्ते से राम मंदिर परिसर होते हुए कालिका गली से निकास प्रदान किया जाएगा, ताकि भीड़ प्रबंधन सुगम हो सके.
सुरक्षा के लिए वालंटियर
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मंदिर परिसर में जगह-जगह वॉलेंटियर्स को उनके पहचान पत्रों के साथ तैनात किया जाएगा. महंत ने भक्तों से अपील की कि वे समयबद्ध तरीके से दर्शन करें और आयोजन की गरिमा बनाए रखें.
मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि समस्त सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद हैं, जिसमें पुलिस सहयोग और स्वयंसेवकों की तैनाती प्रमुख है।

आज से श्रीकाशी विश्वंनाथ धाम में दीप ज्योति की तैयारी
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में इस बार छह दिवसीय दीप ज्योति पर्व मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. सुगंधित पुष्पों और विद्युत झालरों के धाम की सुगंधित आभा बिखरेगी. जो भक्तों को अपूर्व अलौकिक आध्यात्मिक अनुभव कराएगी. गुरुवार से साज-सज्जा के कार्य शुरू हो गया. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि रंग-बिरंगे सुगंधित पुष्पों से धाम परिसर सजाया जाएगा. बाबा दरबार में छह दिनों तक विविध धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान होंगे. मां अन्नपूर्णा व बाबा विश्वनाथ को अन्नकूट के दिन 14 क्विंटल मिष्ठान्न आदि से 56 भोग लगेगा.




