वाराणसी ( चिरईगांव): गिरधरपुर गांव की दलित बस्ती में डायरिया फैलने से हड़कंप मचा हुआ है. पिछले दो दिनों में डायरिया से दो युवतियों की मौत हो चुकी है, जबकि अब तक आठ लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और जांच के बाद पुष्टि की कि हैंडपंप का दूषित पानी ही इस बीमारी का कारण है.
बीमारी की चपेट में आए लोग
बस्ती की सात वर्षीय परी, पुत्री सुग्गी देवी को शनिवार की देर रात उल्टी और दस्त की शिकायत हुई. हालत बिगड़ने पर आशा कार्यकर्ती रानी देवी ने 108 एम्बुलेंस से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नरपतपुर में भर्ती कराया. इसके अलावा रविवार को बस्ती के 45 वर्षीय अशोक कुमार को भी डायरिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अब तक बस्ती के कुल आठ लोग बीमार पाए गए हैं. इनमें से दो युवतियों की मौत पहले ही हो चुकी है.
स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई
डायरिया फैलने की जानकारी मिलते ही रविवार को उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अमित सिंह और पीएचसी प्रभारी डॉ. मनोज कुमार वर्मा के नेतृत्व में करीब एक दर्जन स्वास्थ्यकर्मी गांव पहुंचे. टीम ने सबसे पहले पीड़ितों का हालचाल लिया और शिविर लगाकर संदिग्ध मरीजों की जांच शुरू की. इस दौरान 71 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की गई, हालांकि उनमें से किसी को डायरिया नहीं पाया गया. जांच में सामने आया कि बस्ती का हैंडपंप मात्र 60 फीट गहरा है. हाल ही में आई बाढ़ के कारण उसमें गंदा पानी मिल गया है जो बीमारी फैलने का मुख्य कारण बना.
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उबालकर पिएं पानी, ग्रामीणों को दी गई सलाह
डॉ. अमित सिंह ने बताया कि पूरी बस्ती गंदगी से घिरी हुई है. टीम ने ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सख्त सलाह दी. सभी घरों में क्लोरीन की गोलियां बांटी गईं और बस्ती में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया . स्वास्थ्य विभाग ने दलति बस्ती के लोगों फो फिलहाल हैंडपंप का पानी न पीने का निर्देश दिया है.