
वाराणसी : शारजाह और वाराणसी के बीच एक और सीधी विमान सेवा 1 नवंबर से शुरू होने जा रही है. इस नई विमान सेवा के साथ वाराणसी से अंतरराष्ट्रीय उड़ानो में बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में, काठमांडू के लिए नेपाल की बुद्धा एयर और शारजाह के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें उपलब्ध हैं.
एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान आईएक्स 187 रात्रि 11:45 बजे वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान भरकर रात्रि 3 बजे शारजाह पहुंचेगा. इसके बाद, यही विमान आईएक्स 186 बनकर सुबह 6 बजे शारजाह से उड़ान भरकर 9:40 बजे वापस लौटेगा.
इसके अलावा, एयर इंडिया एक्सप्रेस की पहले से संचालित उड़ान के समय में भी परिवर्तन किया गया है. पहले यह विमान आईएक्स 183 शाम 5:30 बजे वाराणसी पहुंचता था और शाम 7:30 बजे शारजाह के लिए उड़ान भरता था. अब यह विमान रात्रि 8:50 बजे उड़ान भरेगा और रात्रि 12:05 बजे शारजाह पहुंचेगा. शारजाह से यह विमान पहले दोपहर 12:30 बजे उड़ान भरकर शाम 5:30 बजे वाराणसी पहुंचता था, लेकिन अब यह रात्रि 1:20 बजे उड़ान भरेगा और सुबह 7 बजे वाराणसी पहुंचेगा.
इस नई उड़ान सेवा का लाभ केवल यात्रियों को ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के किसानों को भी मिलेगा. पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के किसान भिंडी, परवल, मटर, हरी मिर्च, कुनरू जैसी सब्जियों के साथ-साथ बनारसी लंगड़ा आम, लीची, अमरूद जैसे फलों को भी दुबई भेजते हैं. पहले एक ही विमान संचालित होने के कारण, किसान प्रतिदिन अधिकतम 3000 किलो फल और सब्जियां ही भेज सकते थे. इस कारण, कई बार जब फलों या सब्जियों की अधिकता होती थी, तो किसानों को उन्हें वापस लेना पड़ता था और स्थानीय बाजार में बेचना पड़ता था.
अब, दो विमानों के संचालन से किसानों को 6000 किलो तक सब्जियां भेजने की सुविधा मिलेगी. इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि उनकी समृद्धि में भी वृद्धि होगी. इसके अलावा, पूर्वांचल के कामगार जो दुबई में नौकरी या व्यवसाय करते हैं, उन्हें भी इस नई सेवा से सुविधा मिलेगी.
इस उड़ान सेवा के शुरू होने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. दुबई में काम करने वाले पूर्वांचल के लोगों को अब अपने घर लौटने में आसानी होगी, जिससे वे अपने परिवारों के साथ अधिक समय बिता सकेंगे.
वाराणसी-शारजाह के बीच नई उड़ान सेवा न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि पूर्वांचल के किसानों और कामगारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है. यह सेवा क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी.




