
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर वाराणसी के नमो घाट ने एक ऐतिहासिक क्षण देखा. बुधवार की शाम यहां पहली बार भव्य गंगा आरती का आयोजन हुआ. अब तक इस घाट पर कभी गंगा आरती नहीं हुई थी. इस खास मौके पर घाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठा और सैकड़ों श्रद्धालु व पर्यटक इस अद्भुत दृश्य के गवाह बने.

गंगा तट पर गूंजे शंख और मंत्रोच्चार
जैसे ही आरती शुरू हुई, गंगा तट पर शंखनाद, ढोल-नगाड़े और वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई देने लगी. चारों ओर दीपों की ज्योति और भक्तिमय माहौल ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया.

डॉ. नीलकंठ तिवारी ने किया शुभारंभ
शहर दक्षिणी विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस अनुष्ठान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि नमो घाट पर प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं और गंगा आरती की शुरुआत से यह घाट धार्मिक व पर्यटन दोनों दृष्टियों से और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा.

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी आलोक वर्मा, डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. रत्नेश वर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष नलिन नयन मिश्र, मंडल अध्यक्ष बबलू सेठ, पार्षद विजय सोनकर, अभिजीत भारद्वाज, आर डी सिंह, विष्णु यादव, अभय श्रीवास्तव, अशोक वर्मा, दिनेश यादव, दीपक मौर्या और अशोक तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे.

पंडित प्रमोद मिश्रा ने कराया संचालन
पूरे आयोजन का संचालन पंडित प्रमोद कुमार मिश्रा ने किया. पारंपरिक विधियों और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न इस गंगा आरती ने लोगों को भावविभोर कर दिया.
काशी के पर्यटन को मिला नया आकर्षण
दशाश्वमेध और अस्सी घाट की तरह अब नमो घाट भी गंगा आरती के लिए पहचान बना रहा है. इस ऐतिहासिक शुरुआत ने न केवल प्रधानमंत्री के जन्मदिन को खास बना दिया बल्कि काशी के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया.





