Election Commission: भारत के मुख्या चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज राहुल गाँधी के चुनाव धांधली और बिहार में SIR को लेकर बड़ी प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंनेे वोट चोरी के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया. इसके साथ ही कहा कि सभी राजनीतिक दल चुनाव आयोग के लिए बराबर हैं. उन्होंने कहा कि आयोग किसी से भेदभाव नहीं करता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि- “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए.आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है. फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी समान हैं। चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा.”
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं. उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया. क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, के सीसीटीवी वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं…”
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज़्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं. इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि, “कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया. जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है. जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.”