वाराणसी : क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार किशोरी द्वारा बीते सोमवार को जन्मी नवजात बच्ची की रविवार सुबह संदिग्ध हालात में मौत हो गई. मात्र छह दिन की इस मासूम ने आधी रात को अचानक रोना शुरू किया और कुछ ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिजनों ने उसे सुलाने का प्रयास किया, लेकिन थोड़ी देर बाद बच्ची एकदम शांत हो गई.डॉक्टर को दिखाने से पहले ही उसकी सांसें थम चुकी थीं.
पूरा परिवार गहरे सदमें में
परिजनों का कहना है कि वे बच्ची के नामकरण की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन अचानक घटी इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया.सूचना मिलने पर चौबेपुर पुलिस मौके पर पहुंची, पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा.
आरोपित दे रहे थे धमकी
बच्ची की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं दूसरी ओर किशोरी के परिजनों का कहना है कि उन्हें लगातार आरोपितों द्वारा धमकियां मिल रही थीं कि मामले में चुप रहें. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस सुरक्षा में परिजनों ने गौरा उपरवार घाट पर बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया.
क्या है पूरा प्रकरण
यह मामला दिसंबर 2024 का है, जब एक किशोरी के साथ गन्ने के खेत में सामूहिक दुष्कर्म किया गया. आरोपित युवक सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे थे. आरोप है कि घटना एक बार की नहीं थी. किशोरी को बार-बार धमकाकर उसके साथ ज्यादती की जाती रही. विरोध करने पर आरोपित जान से मारने की धमकी देते थे. किशोरी की मां गूंगी है और पिता मंदबुद्धि.
26 जून को पड़ोस की एक महिला ने किशोरी के बढ़ते पेट को देखकर संदेह जताया और उसकी मौसी को जानकारी दी. इसके बाद किशोरी को रिश्तेदारों के साथ थाने लाया गया. पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने सात आरोपितों के खिलाफ बयान दिया. परिजन अधिकारियों से बार-बार सभी सात आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाते रहे. मुख्यमंत्री को भी रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी.
ऑटो में हुआ प्रसव, नहीं मिली तत्काल मदद
25 अगस्त को किशोरी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. परिजनों ने 112 और एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन समय पर कोई सहायता नहीं मिली. मजबूरी में किशोरी ने टेंपो में ही बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से 24 घंटे बाद उसे छुट्टी दे दी गई. किशोरी इस समय अपने मामा के घर रह रही थी, जहां पुलिस सुरक्षा तैनात की गई थी. लेकिन रविवार सुबह करीब 5 बजे नवजात की मृत्यु हो गई.