वाराणसी: बनारस में गंगा ने एक बार फिर अपना रौद्र दिखाने को आतुर है. इसी क्रम में पिछले तीन-चार दिनों गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. देखते ही देखते ही सोमवार को तीसरी बार गंगा ने चेतावनी बिंदु को पार कर लिया है जिससे तटवर्तीय क्षेत्रों में फैले बाढ़ के कहर में फंस गए हैं. उधर पलट प्रवाह के चलते खासकर वरूणा के इलाके में घुसे पानी ने एक बार फिर लोगों का जीना दुश्वार कर दिया. लोग पानी बढ़ता देख अपना घर छोड़कर भाग खड़े हुए और राहत शिविरों का रूख किया है.
36 घंटे में गंगा का जलस्तर 1.03 मीटर बढ़ा
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट की माने तो सिर्फ 36 घंटे में गंगा का जलस्तर 1.03 मीटर तक बढ़ गया. इसक पहले रविवार रात तक गंगा का जलस्तर 69.93 मीटर दर्ज किया गया था, जो चेतावनी बिंदु से केवल 33 सेंटीमीटर दूर थाय दूसरी ओर सोमवार तक गंगा ने 70.26 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर लिया, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में आ गए हैं.
घाटों की सीढ़ियां डूबी, बढ़ी मुश्किल
गंगा के बढ़ते जलस्तर के साथ ही गंगा का पानी कई घाटों की सीढ़ियों पर लगभग पांच फीट तक चढ़ गया है. इससे चलते कुछ ही दिन पहले की गई साफ-सफाई पर पानी फिर गया. दूसरी ओर गंगा की सहायक नदी वरुणा नदी भी उफान पर है. वरुणा कॉरिडोर तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है जिसके चलते एक बार फिर सैकड़ों मकान व इनमें रहने वाले इनकी चपेट में आ चुके हैं. बघवानाला .मौजाहाल, नक्खी घाट, तालिमनगर, हिदायत नगर, पुल कोहना, तिनपुलिया, शक्कर तालाब जैसे क्षेत्रों में पानी घुस जाने से लोगों का जनजीवन असामान्य सा हो गया है.
अंतिम संस्कार को आए लोग हो रहे परेशान
दूसरी ओर गंगा जलस्तर में हो रही तेज बढ़ोतरी का असर अंतिम संस्कार कार्यो पर भी पर भी पड़ा है. मणिकर्णिका घाट पूरी तरह डूब गया है और वहां केवल छत पर ही अंतिम संस्कार हो पा रहा है. वहीं हरिश्चंद्र घाट पर लोगों को सड़क व गलियों में शवदाह करना पड़ रहा है. वजानकारी की माने तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है क्योंकि यमुना नदी भी उफान पर है. प्रयागराज में यमुना के गंगा से मिलने के कारण उसका असर बनारस तक बढ़ते जलस्तर के रूप में देखा जा रहा है.