
वाराणसी: आईआईटी, बीएचयू में शुक्रवार को दो एआई एप आईआईटी फ्रेट और आईआईटी पीसीयू लॉन्च किए गए. आईआईटी फ्रेट एप की मदद से माल परिवहन पूर्वानुमान और एनालिटिक्स डेटा के माध्यम से लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाई जाएगी. दूसरा, आईआईटी पीसीयू एप राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए वैज्ञानिक और डेटा-आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. जल्द ही आम लोगों तक इसकी सुविधा पहुंचेगी. संस्थान के नए भवन में शुक्रवार को शुरू हुए मार्गशक्ति कॉन्क्लेव 2025 में एप लॉन्च के साथ ही एनएचएआई परफॉर्मेंस-बेस्ड मिक्स्ड डिजाइन रिपोर्ट का भी लोकार्पण किया गया. यह वैश्विक इंजीनियरिंग मानकों के अनुरूप टिकाऊ, स्थायी और डिजाइन के बारे में जानकारियां देगी.
तीन फैक्टर यूपी की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की रीढ़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि सड़क एवं राजमार्ग, सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक ही भारत की अगली आर्थिक प्रगति के प्रमुख आधार हैं. ये क्षेत्र उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की रीढ़ हैं. बेहतर कनेक्टिविटी, इंडस्ट्रियल विकास, निवेश, नई नौकरियां और क्षेत्रीय विकास इसी पर आधारित है. उन्होंने यह भी बताया कि आईआईटी बीएचयू जैसी शैक्षणिक संस्थाएं राष्ट्रनिर्माण और आर्थिक परिवर्तन में बड़ी भूमिका निभाती हैं.
नवाचार को प्रोत्साहन देने, कुशल जनशक्ति तैयार करने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के माध्यम से ये संस्थान आधुनिकीकरण के शक्तिशाली इंजन के रूप में कार्य करती हैं।

मंत्रालय सहित राजमार्ग और डिजिटल मोबिलिटी के विशेषज्ञ पहुंचे
कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण, लॉजिस्टिक्स, शहरी नियोजन, स्थिरता और डिजिटल मोबिलिटी के क्षेत्रों से कई विशेषज्ञ शामिल हुए. वैज्ञानिक परिवहन प्रणाली, माल परिवहन, मजबूत सड़क अवसंरचना और विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को पाने के लिए जरूरी रणनीतिक आधुनिकीकरण पर बात की गई. इस दौरान आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक विनय कुमार राजावत, एप तैयार करने वाले सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. अग्निवेश पाणी और प्रो. अंकित गुप्ता सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.




