
वाराणसी: शहर में पांव पसार रहे जुआ, सट्टा और अवैध लाटरी के काले कारोबार पर कमिश्नरेट पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है. इसके बावजूद कई इलाकों में यह धंधा फल फूल रहा है. इसी क्रम में एसओजी 2 और जैतपुरा पुलिस ने गुरुवार को सिटी स्टेशन के सामने हो रहे अवैध लॉटरी संचालन की सूचना पर छापेमारी की. इस दौरान कुल 12 व्यक्ति मौके से गिरफ्तार किए गए. मौके पर भाग्यलक्ष्मी की वेबसाइट के माध्यम से आनलाइन लाटरी का संचालन किया जा रहा था. आरोपितों के पास और मौके के से लगभग 10 हजार रुपये, 02 एंड्रॉयड, 02 कीपैड मोबाइल, पेटीएम क्यूआर मशीन व लॉटरी से संबंधित गत्ते पर लिखे हुए नंबर्स आदि बरामद किए गए.
इनकी हुई गिरफ्तारी
दबोचे गए लोगों में मुगलसराय दुलहीपुर निवासी अकबर अली, जमील अहमद, छोहरा, जैतपुरा निवासी सिराजुद्दीन, बटलोहिया, जैतपुरा निवासी साहिल, लाट भैरव निवासी नसीम, दीनदायाल पुर, सारनाथ निवासी सोमारू, नवापुरा निवासी हबीब, औसानगंज निवासी शमीम, दोषीपुरा निवासी हैदर, धूपचंडी निवासी गोस्वामी, उस्मानपुरा निवासी लल्लू प्रसाद और विजयीपुरा निवासी मैनुद्दीन शामिल हैं.

कब पकडे जाएंगे सिंडिकेट चलाने वाले चेहरे
सूत्रों के अनुसार लाटरी और जुए का सिंडीकेट चलाने वाले पुलिस की पकड से बच निकलते हैं. बताया जाता है कि ये लोग छोटे गुर्गों को पकड़वाकर खुद बच जाते हैं. लालपुर-पांडेयपुर, लल्लापुरा, कैंट, सिगरा, जैतपुरा, शिवपुर, आदमपुर, कोतवाली, चेतगंज, और आसपास के इलाके जुए के गढ़ बने हुए हैं. यहां बाकायदा काउंटर और ठिकाने चल रहे हैं, जहां हर दिन लाखों का सट्टा खेला जा रहा है.
जुआ सिंडिकेट अब सिर्फ ताश के पत्तों तक सीमित नहीं है। ऑनलाइन लॉटरी और मोबाइल एप के जरिए सट्टा खिलवाने का धंधा तेजी से फैल रहा है. लोगों को आसान लालच देकर जाल में फंसाया जाता है और मोटा मुनाफा वसूला जाता है.
एसओजी-2 की मेहनत, मगर नहीं लग रहा लगाम
एसओजी-2 ने हाल ही में कई छोटे जुआरियों को पकड़कर जेल भेजा है और कई अड्डों पर ताले लगवा दिए हैं. लेकिन संचालक अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. वाराणसी पुलिस की यह बड़ी चुनौती बन गई है कि आखिर इतने छापेमारी और कार्रवाई के बावजूद जुए के मगरमच्छ कानून के शिकंजे से कैसे बच जा रहे हैं.




