
वाराणसी: आयकर रिटर्न (ITR) भरने और एडवांस टैक्स जमा करने की अंतिम तारीख सोमवार, 15 सितंबर तय है, लेकिन आयकर विभाग का पोर्टल ठप होने से करदाताओं की परेशानी चरम पर पहुंच गई है. शनिवार और रविवार को बैंकों की छुट्टी होने के कारण चालान जमा नहीं हो सका. वहीं, आखिरी दिन पोर्टल पर अत्यधिक लोड की संभावना से करदाता और अधिक चिंतित हैं.

पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए व्यक्तिगत रिटर्न दाखिल करने और एडवांस टैक्स जमा करने की डेडलाइन एक ही दिन पड़ने से काम का दबाव पहले से ज्यादा है.कर सलाहकारों का कहना है कि 26AS फॉर्म पोर्टल पर अपलोड ही नहीं हो रहा, जिसके कारण करदाता रिटर्न पूरा नहीं कर पा रहे हैं.विभागीय गड़बड़ी का खामियाजा आम करदाताओं को भुगतना पड़ रहा है.

विलंब शुल्क और ब्याज का डर
यदि समय पर रिटर्न दाखिल नहीं हुआ तो करदाताओं को 5,000 रुपये तक का विलंब शुल्क और अलग से ब्याज देना पड़ेगा. यही नहीं, अपूर्ण रिटर्न पर विभाग की ओर से नोटिस आने की आशंका भी जताई जा रही है. इससे वेतनभोगी वर्ग से लेकर प्रोफेशनल और कारोबारी सभी परेशान हैं.

टैक्स विशेषज्ञों की राय
ऑल इंडिया टैक्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष ओपी शुक्ला ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी को देखते हुए सरकार को रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ानी चाहिए.
यूपी टैक्स बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य विनयकांत मिश्रा ने बताया कि 10,000 रुपये या उससे अधिक टैक्स होने पर करदाताओं को साल में चार बार एडवांस टैक्स भरना होता है – 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च को. तय समय पर टैक्स जमा न करने पर ब्याज की सख्त व्यवस्था है. इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आसिम जफर ने आरोप लगाया कि न सिर्फ आयकर पोर्टल, बल्कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के पोर्टल और यूआईडीएआई का पोर्टल भी ठीक से काम नहीं कर रहे. ऐसे में करदाता पूरी तरह से असहाय हो गए हैं जबकि सरकार और सीबीडीटी मूकदर्शक बने हुए हैं.
करदाताओं की बढ़ी धड़कन
वाराणसी समेत पूरे देश में करदाता अब अंतिम दिन पोर्टल पर काम पूरा करने की जद्दोजहद में लगे हैं. हालांकि, तकनीकी गड़बड़ी और बैंकों की छुट्टी के कारण अब सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि सरकार डेडलाइन बढ़ाने का फैसला ले, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिल सके. नतीजा यह है कि आखिरी वक्त में पोर्टल की समस्या और बैंकों के अवकाश ने आयकरदाताओं को दोहरी मार दी है.यदि समय रहते सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो आम करदाता को बेवजह जुर्माना और ब्याज का सामना करना पड़ेगा.





