वाराणसी: डाक परिक्षेत्र वाराणसी के सभागार कक्ष में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें व्यवसायिक ग्राहकों और डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और घरेलू डाक सेवाओं की कार्यप्रणाली से व्यापारियों को अवगत कराना और निर्यात बढ़ाने के लिए भारतीय डाक की सुविधाओं को प्राथमिकता देने पर चर्चा करना था. बैठक में विभिन्न व्यापा
रिक संगठनों, बैंकों के प्रतिनिधियों, स्व-रोजगार समूहों और स्थानीय कारोबारियों ने हिस्सा लिया. डाक विभाग की ओर से निर्यातकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी गई.
बैठक में कर्नल विनोद कुमार, डाक परिक्षेत्र प्रमुख (पीएमजी) बनारस ने बताया कि इंडिया पोस्ट का समझौता दुनिया के 120 देशों के साथ है. इसके चलते भारत से निर्यातक व्यापारी अपने उत्पादों को आसानी से और सुरक्षित तरीके से विदेशों तक भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि "डाक निर्यात केंद्र" के जरिए कस्टम क्लीयरेंस और पार्सल की प्रक्रिया सरल हो जाती है. साथ ही, अधीक्षक स्तर पर निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. कर्नल विनोद ने यह भी उल्लेख किया कि स्टार्टअप यूनिट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि युवा उद्यमियों को रोजगार और व्यापार के अवसर मिल सकें.
बैठक में शामिल "आर्गेनिक वरदान" संस्था की संस्थापक स्वर्णा ने कहा कि उनकी संस्था शुद्ध और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन मंथ कार्य करती है। वे अपने उत्पादों, जैसे ऑर्गेनिक सत्तू और अन्य व्यंजन, को भारतीय डाक विभाग की मदद से विदेशी बाजारों तक पहुँचाना चाहती हैं।
कर्नल विनोद ने बताया कि इंडिया पोस्ट की ITPS (International Tracked Packet Service) सुविधा के अंतर्गत मात्र डेढ़ हजार रुपये में एक किलो का पार्सल ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और इंग्लैंड जैसे देशों तक भेजा जा सकता है. वहीं, इंटरनेशनल स्पीडपोस्ट के जरिए 35 किलो तक का सामान 100 से अधिक देशों में भेजने की सुविधा उपलब्ध है.
सहायक निदेशक अतुल (वाराणसी परिक्षेत्र) ने बताया कि डाक निर्यात केंद्र के माध्यम से कस्टम विभाग का क्लीयरेंस बहुत सरलता से हो जाता है. संजीव, जाँच इंस्पेक्टर, ने बताया कि अब लगभग सभी जिलों में डाक निर्यात केंद्र सक्रिय हैं और निर्यातक वहां से सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर (वाराणसी कैंट) की इंचार्ज सुश्री रुचि ने जानकारी दी कि AMS (Air Mail Service) के अंतर्गत निर्यात की मात्रा के अनुसार ग्राहकों को 16% तक का डिस्काउंट दिया जाता है. साथ ही, यदि किसी कारणवश आर्टिकल का नुकसान होता है तो ग्राहकों को मुआवज़ा भी प्रदान किया जाता है.
बैठक में व्यवसायिक ग्राहकों ने अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं में आने वाली चुनौतियों जैसे डिलीवरी में देरी, ट्रैकिंग की दिक्कतें और कस्टम क्लीयरेंस से जुड़ी बाधाएँ सामने रखीं। डाक विभाग ने ग्राहकों से फीडबैक लिया और सेवा सुधार के लिए रणनीतियाँ बनाने पर सहमति जताई.
इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डाक विभाग और व्यवसायिक ग्राहकों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना तथा सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाना रहा.