
वाराणसी: पुत्र की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना से जुड़ा जिउतिया व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत) इस बार वाराणसी और पूर्वांचल के बाजारों में खास रौनक लेकर आया. शनिवार को नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत हुई, वहीं रविवार 14 सितंबर 2025 को निर्जला व्रत रखा जाएगा और सोमवार 15 सितंबर को पारण किया जाएगा.

बाज़ारों में दिखी चहल-पहल, पूजन सामग्री की जमकर खरीदारी
जिउतिया व्रत से पहले ही वाराणसी के खोजवां, सुसुवाही ,लंका, भेलूपुर, बड़ी गैबी, मलदहिया, लहुराबीर, इंग्लियालाइन, पांडेयपुर, अर्दली बाजार, शिवपुर, सारनाथ, आशापुर, भोजूबीर, बरेका और लोहता जैसे प्रमुख बाजारों में सुबह से ही भीड़ देखने को मिली.
महिलाओं ने पूजा के लिए चावल, फूल, कुशा, धूप-दीप, दही, चूड़ा, मिठाइयां और फल खरीदे. जिउतिया गुथने के लिए धागे और बरियार का पौधा भी मनमाने दाम पर बिके. धागे की कीमत 10 रुपये से शुरू रही.
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जिउतिया व्रत: कब और कैसे होगा ?
पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 5:04 बजे शुरू होकर 15 सितंबर को सुबह 3:06 बजे तक रहेगी. उदयातिथि 14 को होने से व्रत इसी दिन रखा जाएगा और पारण अगले दिन होगा.

इस वर्ष के शुभ योग

नहाय-खाय की अलग-अलग परंपराएं
जिउतिया व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन महिलाएं स्नान कर पूजा करती हैं और फिर विशेष भोजन ग्रहण करती हैं.


व्रत का महत्व
जिउतिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका या जितिया भी कहते हैं, खासकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक निर्जला रहकर जीमूतवाहन देवता की पूजा करती हैं और पुत्र की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. वाराणसी में इस बार जिउतिया व्रत को लेकर बाजारों में जबरदस्त रौनक दिखी. सतपुतिया और नोनी के साग की खरीदारी जोरों पर है. महिलाएं पूरे उत्साह से व्रत की तैयारी कर रही हैं. नहाय-खाय से लेकर पारण तक तीन दिन चलने वाला यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि इसमें क्षेत्रीय खान-पान और परंपराओं का अद्भुत संगम भी झलकता है.





