गांव का साधारण विद्यालय बना बच्चों की पहली पसंद, नामांकन 92 से बढ़कर 352 तक पहुँचा
वाराणसी/मिर्जापुर: शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित की जाने वाली मधुरिमा तिवारी आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं. ग्रामीण पृष्ठभूमि में कार्यरत रहते हुए उन्होंने जिस तरह एक साधारण विद्यालय को मॉडल स्कूल का स्वरूप दिया, वह किसी मिसाल से कम नहीं है.
शुरुआत में मिली चुनौतियाँ
मधुरिमा तिवारी की पहली नियुक्ति मिर्जापुर जिले के पटेहरा बहरछठ जैसे अत्यंत पिछड़े ब्लॉक के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई थी. उस समय विद्यालय की स्थिति बेहद निराशाजनक थी—न तो बच्चों के लिए पर्याप्त व्यवस्था थी और न ही बुनियादी सुविधाएँ. नामांकन केवल 92 छात्रों तक सीमित था. विद्यालय में चारदीवारी तक नहीं थी और बच्चे ज़मीन पर बैठकर पढ़ते थे.
संघर्ष और बदलाव की कहानी
इन चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए मधुरिमा तिवारी ने विद्यालय के कायाकल्प की दिशा में ठोस कदम उठाए. स्थानीय प्रधान और ग्रामीणों के सहयोग से उन्होंने डेस्क-बेंच की व्यवस्था कराई, कक्षाओं का निर्माण कराया और पौधरोपण अभियान चलाकर विद्यालय परिसर को हरियाली से भर दिया। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ती गई और कुछ ही वर्षों में नामांकन 92 से बढ़कर 352 तक पहुँच गया.
आधुनिक स्वरूप में बदला विद्यालय
साल 2015 में मधुरिमा तिवारी का प्रोन्नयन रानी कर्णावती उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुआ. अगले ही वर्ष जब उन्हें विद्यालय का प्रभार मिला तो उन्होंने संस्थान को पूरी तरह आधुनिक बनाने का संकल्प लिया.उनकी पहल पर कक्षाओं में टाइल्स, रंग-रोगन, आकर्षक पेंटिंग, चारदीवारी, सुंदर गेट और इंटरलॉकिंग फर्श का निर्माण हुआ। आज विद्यालय का वातावरण किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.
विद्यालय में आकर्षक खेल मैदान, सुसज्जित बागवानी, आरोग्य वाटिका और हरियाली ने इसे एक ग्रीन स्कूल की पहचान दिलाई है.बच्चे मीना मंच और ईको क्लब के माध्यम से बागवानी और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभाते हैं.
तकनीक से जोड़ा बच्चों को
मधुरिमा तिवारी ने केवल भौतिक स्वरूप ही नहीं बदला, बल्कि बच्चों को तकनीक से भी जोड़ा. विद्यालय में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की स्थापना कराई गई, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी आधुनिक शिक्षा से जुड़ सके.
उपलब्धियों की लंबी सूची
उनके प्रयासों से विद्यालय को साल 2018 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार मिला। 2023 में मधुरिमा तिवारी को राज्य स्तर पर भी उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया. विद्यालय के बच्चे आज खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
उनकी इसी निरंतर मेहनत और समर्पण का परिणाम है कि इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए उनका चयन हुआ है. राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान मिलने जा रहा है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा सहित विभाग के अन्य अधिकारियों ने मधुरिमा तिवारी को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों ने ग्रामीण शिक्षा को नई दिशा दी है और वे अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा हैं.