वाराणसीः दुर्गाकुंड स्थित बाराती बेगम जनाना और मर्दाना इमामबाड़ा की जमीन से जुड़े विवाद को लेकर गुरुवार को भेलूपुर एसीपी दफ्तर में अहम बैठक हुई . इसमें मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा, जिसे जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने विस्तार से सुना और कागजी जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया .
बैठक गुरुवार की शाम करीब चार बजे शुरू हुई . इस दौरान इमामबाड़ा के मुतवल्ली नवाब प्यारे हुसैन और उनके बेटे नवाब साजिद हुसैन ने संबंधित दस्तावेज अधिकारियों के सामने पेश किए . उन्होंने बताया कि परिसर में पूरब दिशा में मर्दाना और पश्चिम दिशा में जनाना इमामबाड़ा मौजूद हैं . पश्चिमी इमामबाड़े पर गुंबद है, जबकि पूर्वी हिस्से में बने मर्दाना इमामबाड़े के ऊपरी हिस्से को पहले विकास प्राधिकरण ने तोड़ा था . बाद में इसे दोबारा बनवाया गया और इसके लिए मुआवजा भी दिया गया .
अतिक्रमण को लेकर फैलाई जा रही गलत अफवाह
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा इन दोनों इमामबाड़ों के बीच की खाली जमीन पर अतिक्रमण को लेकर गलत अफवाह फैलाई जा रही है . उनका दावा है कि करीब 2458 वर्ग फुट जमीन शिया सेंट्रल वक्फ कमेटी की है . इस भूमि पर 2015 से नवाब अच्छे मिर्जा और नगर निगम के बीच मुकदमा लंबित है, जिसमें नगर निगम का लेखपाल नियमित रूप से अदालत में पेश भी होता है .
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने साफ किया कि नगर निगम की ओर से इमामबाड़ों को तोड़ने का कोई इरादा नहीं है और न ही ऐसा कदम उठाया जाएगा . उन्होंने भरोसा दिलाया कि दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी .
जिला प्रशासन ने स्पष्ट की अपनी मंशा
जिला प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे इमामबाड़े तोड़ने नहीं गए थे, बल्कि जिस 2458 वर्ग फुट भूमि का मामला अदालत में है, उसी पर कब्जा लेने की कार्रवाई की बात हो रही थी . इस पर मुस्लिम पक्ष ने दोहराया कि चूंकि मामला पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए जांच पूरी होने के बाद ही उचित कदम उठाया जाए .
यह बैठक विवाद को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास मानी जा रही है, जिससे क्षेत्र में शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखने की उम्मीद है.