
वाराणसीः मंडलायुक्त एस राजलिंगम की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार खंड स्नातक व खंड शिक्षक निर्वाचन की तैयारियों को लेकर सोमवार को बैठक हुई. इसमें वाराणसी खंड स्नातक एवं खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में शामिल सभी आठों जिलों बलिया, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर के एडीएम समेत समस्त मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े.

चुनाव के हर पहलु से कराया गया अवगत
बैठक में मंडलायुक्त द्वारा वाराणसी खंड स्नातक एवं खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण और मतदेय स्थलों के संशोधन प्रस्तावों के संबंध में सभी को जानकारियां दी गई. एक नवम्बर से प्रारंभ होने वाले पुनरीक्षण कार्य और मतदेय स्थलों के संशोधन की प्रक्रिया से सभी पक्षों को अवगत कराते हुए मंडलायुक्त ने निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक पात्र व्यक्ति, जो भारत का नागरिक हो और क्षेत्र का सामान्य निवासी हो, 01 नवम्बर, 2025 से तीन वर्ष पूर्व किसी विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष योग्यता प्राप्त होने पर ही निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हो सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि थोक में जमा किए गए आवेदन, चाहे प्रत्यक्ष हों या डाक द्वारा, केवल समावेशन के लिए विचार किए जाएंगे. संस्थाओं के अपने अधीन कार्यरत सभी कर्मचारी अपने आवेदन अग्रसारित कर सकते हैं. आवेदन के साथ मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है या स्वप्रमाणित दस्तावेज पदनामित अधिकारी द्वारा सत्यापित होने चाहिए. आवेदन ईआरओ/एईआरओ या संबंधित पदनामित अधिकारी को व्यक्तिगत या डाक द्वारा प्रस्तुत किए जा सकते हैं.
शिक्षक का संपूर्णकालिक होना आवश्यक
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में मंडलायुक्त ने बताया कि निर्वाचक बनने के लिए व्यक्ति को संबंधित क्षेत्र में कम से कम तीन वर्ष के लिए राज्य के विनिर्दिष्ट शैक्षणिक संस्थानों में अध्यापन कार्य करना अनिवार्य है. यह तीन वर्ष की अवधि सतत या विच्छिन्न अवधि में हो सकती है. शिक्षक चाहे नियमित हों या तदर्थ, उन्हें संपूर्णकालिक होना आवश्यक है. अंशकालिक शिक्षक निर्वाचक नामावली में पंजीकरण के पात्र नहीं हैं.

कमिश्नर ने गलत जानकारी देने वालों को दी चेतावनी
मंडलायुक्त ने फार्म-19 के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि इसमें आवेदन के साथ शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख द्वारा नियुक्ति की पुष्टि करते हुए प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा. किसी भी आवेदन में मिथ्या जानकारी देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी. बैठक में समस्त राजनीतिक दलों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और पुनरीक्षण कार्यक्रम से अवगत कराया गया.




