वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का सामान्यतः हर तीन माह के अंतराल पर दौरा करते हैं. वह पिछली बार 2 अगस्त को काशी आए थे, जहाँ उन्होंने करीब 2200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था.
अब प्रधानमंत्री के एक और संभावित दौरे की चर्चा अगले माह को लेकर चल रही है. बताया जा रहा है कि अपने जन्मदिन के अवसर पर वह बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आ सकते हैं. सावन माह में प्रधानमंत्री वाराणसी आए थे, लेकिन उस समय बाबा दरबार में अधिक भीड़ होने के कारण वह दर्शन नहीं कर सके थे. इस बार उनके बाबा दरबार में आने और पूजन करने की संभावना जताई जा रही है.
क्या हो रही चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगले माह वाराणसी दौरे की संभावना एक बार फिर मजबूत होती दिख रही है. माना जा रहा है कि वह सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में काशी आ सकते हैं.प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा है कि प्रधानमंत्री 13 सितंबर को वाराणसी पहुंच सकते हैं. इस दौरान वह सारनाथ स्थित तिब्बती संस्थान में बने "सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल" का लोकार्पण करेंगे.
पूर्व में स्थगित किया गया था कार्यक्रम
दरअसल, प्रधानमंत्री को यह लोकार्पण 2 अगस्त को अपने पिछले काशी दौरे में करना था, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. उस समय यह भी चर्चा थी कि तिब्बती संस्थान चाहता है कि प्रधानमंत्री स्वयं उनके परिसर में आकर इस परियोजना का शुभारंभ करें. अब संस्थान की इसी मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री का यह दौरा तय माना जा रहा है.
50 करोड़ रुपये की लागत
करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बना यह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल तिब्बती शैली में निर्मित है और इसे सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के अंतर्गत विकसित किया गया है. 2700 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले इस संस्थान का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ था और यह 2023 में पूर्ण हो चुका है. भवन के भूतल पर पार्किंग, लॉन्ड्री और औषधीय जड़ी-बूटियों के भंडारण हेतु स्टोर की व्यवस्था है.अन्य मंजिलों पर इमरजेंसी, ओपीडी, कांफ्रेंस हॉल, ऑडिटोरियम, रिसेप्शन, कक्षाएं, चिकित्सक कक्ष, पुस्तकालय, सेमिनार हॉल और पैथोलॉजी जैसी तमाम आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.
इसके अलावा, यदि ककरमत्ता आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) का निर्माण कार्य समय से पूरा हो गया, तो उसका लोकार्पण भी प्रधानमंत्री द्वारा किया जा सकता है. प्रशासन अब प्रधानमंत्री के संभावित आगमन को ध्यान में रखते हुए अन्य परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास की संभावनाएं भी खंगाल रहा है, ताकि इस दौरे को और अधिक सार्थक बनाया जा सके.