
वाराणसीः रक्त संबंधों को मजबूत करने, संस्कृति को जानने समझने और एक दूसरे के प्रति कर्तव्यबोध होने के लिए , शिक्षा और संस्कार को माध्यम बनाकर, कर्तव्यबोध श्रृंखला की शुरुआत की गई है. इसके तहत विद्यार्थियों को एक दूसरे प्रदेश में अपने धर्म संस्कृति , संस्कार और समाज को जानने के लिए यात्राएं आयोजित की जा रही हैं. इस यात्रा की पहली कड़ी में राजस्थान से क्षत्रिय छात्राओं ,शिक्षकों का 45 सदस्यों का एक दल तीन दिवसीय यात्रा पर अयोध्या के बाद काशी भ्रमण पर आया हुआ है. वाराणसी की राजसूत्र पीठ ट्रस्ट द्वारा इसका आयोजन किया गया है.
हल्दी घाटी की पवित्र मिट्टी को लेकर आए हैं पूर्वांचल में
जानकारी दी गई कि राज्स्थान से आए इस दल के लोग और बच्चे उस क्षेत्र के हैं जिसको जौहर और शाका के लिए जाना गया है. इस इलाके को हल्दी घाटी के युद्ध से पहचान मिली है ,और ये लोग उसी हल्दी घाटी की पवित्र मिट्टी को लेकर पूर्वांचल में आए हैं. दल के लोग धार्मिक शैक्षणिक भ्रमण के साथ अपने समाज के लोगों से मिलकर हल्दी घाटी की पवित्र मिट्टी को भेंट कर उन्हें कर्तव्य बोध करा रहे हैं

आध्यात्म संग ली योग की दीक्षा
दल में शामिल छात्राएं अयोध्या में दर्शन पूजन के बाद वाराणसी पहुंची. यहां इन्होंने श्री काशी विश्वनाथ धाम, गंगा आरती, काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में पुस्तकालय के साथ IIT और मेडिकल कॉलेज भी गईं. इसके अलावा अस्सी घाट से सुबह बनारस का नजारा देखा और गंगा स्नान कर हवन भी किया , इसी क्रम में विश्वप्रसिद्ध स्वर्वेद मंदिर जाकर अध्यात्म और योग को दीक्षा ली और विश्व को शांति का संदेश देने वाले महात्म बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ जाकर देखा और क्षत्रियत्व को समझा कि क्षत्रिय युद्ध के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया को शांति संदेश के लिए भी जाने जाते हैं.
कर्तव्यबोध समारोह में हल्दी घाटी की मिट्टी को अर्पित की पुष्पांजलि
बताया कि तीन दिन की यात्रा के अंतिम सत्र के तहत कर्तव्यबोध समारोह में पहुंची, जहां पूर्वांचल के तमाम क्षत्रिय संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस दल का स्वागत किया. इस अवसर क्षत्रिय समाज के लोगों ने हल्दी घाटी की मिट्टी को जहां पुष्पांजलि अर्पित की वहीं बच्चों को केसरिया दुपट्टा भेंट कर स्वागत किया. दल के लोगों ने इस मौके पर समाज के बड़े बुजुर्गों और युवाओं को हल्दी घाटी की मिट्टी भेंट कर उन्हें महाराणा के शौर्य की याद दिलाई.

शिक्षा से ही हो सकता है बड़ा बदलावः पूर्व एमएलसी
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व विधान परिषद सदस्य चेतनारायण सिंह ने अपने आशीर्वाद संबोधन में छात्राओं को शिक्षा की ताकत का बोध कराया. सचेत किया कि बड़ा बदलाव शिक्षा से ही हो सकता है. इस दौरान तमाम संगठन के लोगों ने भी बच्चों को आशीर्वाद दिया.

इनकी रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर राजसूत्र पीठ के ट्रस्टी राहुल सिंह ,राजेश कुमार सिंह, दिग्विंदु मणि, कुश प्रताप सिंह ,रोहित सिंह, राजस्थान के शिक्षक भंवर सिंह और शिक्षिका मंजू राठौर ने लोगों का स्वागत किया और आगामी आयोजन के बारे में जानकारी दी. बताया कि इस श्रृंखला के तहत हम दिसंबर के अंतिम सप्ताह पूर्वांचल के छात्रों को लेकर राजस्थान को ऐतिहासिक धरोहरों को जानने समझने और जौहर देश की मिट्टी को साष्टांग प्रणाम करने काशी का गंगाजल लेकर जाएंगे.




