
वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में 200 शैय्या वाला नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र ) पहली बार खुलने जा रहा है,. यह केंद्र केवल एक अस्पताल ब्लॉक नहीं होगा, बल्कि बुजुर्गों के देखभाल तथा स्वास्थ संबंधित सभी बीमारियों के निवारण और सेवाओ के लिए समर्पित होगा. भारत सरकार की राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल योजना (NPHCE) के माध्यम से बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ गहराई से योजना पर कार्य कर रहे है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2021 से 2030 को स्वस्थ वृद्धावस्था का दशक घोषित किया है.

स्वस्थ वृद्धावस्था की दिशा में राष्ट्रीय प्रतिबद्धता
यह पहल भारत सरकार की राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल योजना (National Programme for Health Care of the Elderly - NPHCE) के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह मेल खाती है. इसी वैश्विक और राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के अंतर्गत, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी में 200 बिस्तरों वाला 'नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (NCA)' स्थापित किया जा रहा है.
NCA: एक समर्पित वृद्ध देखभाल संस्थान, न कि केवल एक अस्पताल
'नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग' केवल एक पारंपरिक अस्पताल नहीं होगा, बल्कि यह बुजुर्गों की समग्र देखभाल के लिए समर्पित एक विशेषीकृत संस्थान के रूप में कार्य करेगा. सामान्य अस्पतालों में बुजुर्गों की जटिलताओं और विशेष ज़रूरतों को अक्सर प्राथमिकता नहीं दी जाती, जबकि NCA में विशेष रूप से निम्नलिखित स्थितियों पर केंद्रित चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध होंगी:

इसमें फ्रेलिटी (कमज़ोरी), सार्कोपीनिया (मांसपेशियों का क्षय), डिमेंशिया (स्मृति हानि),
ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की दुर्बलता), आर्थराइटिस, हृदय रोग, मल्टीमॉर्बिडिटी (बहु-रोग स्थितियां) होगी. यह संस्थान ओपीडी सेवाएँ, विशेष वार्ड, पुनर्वास इकाइयाँ, मेमोरी क्लिनिक, और फॉल प्रिवेंशन प्रोग्राम्स जैसी आधुनिक और बुजुर्ग-केंद्रित सेवाएँ एक ही छत के नीचे प्रदान करेगा.
बहु-विषयक टीम जिसमें चिकित्सक, नर्स, मनोवैज्ञानिक, फिजियोथेरेपिस्ट और व्यावसायिक चिकित्सक शामिल होंगे – वे केवल चिकित्सा उपचार नहीं, बल्कि सामाजिक, मानसिक और पुनर्वास सहायता भी प्रदान करेंगे.

नेतृत्व और सहयोग: BHU और सरकार की संयुक्त पहल
NCA के नोडल अधिकारी प्रो. अनुप सिंह ने NPHCE, स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) तथा BHU के नेतृत्व का आभार व्यक्त किया .उन्होंने BHU के कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी को विशेष रूप से धन्यवाद दिया जिन्होंने पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने और कुछ फैकल्टी पदों की स्वीकृति में सहयोग दिया.
बताया गया कि अब तक लगभग 65% निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. केंद्र के दिसंबर 2025 तक पूर्णतः चालू हो जाने की संभावना है. मई 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं स्थल का निरीक्षण कर कार्यों की समीक्षा की थी.





