
वाराणसी : रामनगर स्थिति डोमरी गांव में सुबह करीब 11 बजे इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक सूचना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया. सूचना में कहा गया कि कुछ युवक जुआ खेल रहे थे, तभी कुछ हथियारबंद लोग आए और फायरिंग की. जानकारी पारकर रामनगर पुलिस संग वाराणसी से एसओजी टीम मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुटी रही परंतु घंटों बाद यह सूचना अफवाह साबित हुई. फिलहाल पुलिस इस तरह सूचना जदेने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.

परिस्थितियां और वजह
सूचना में घटना जिस स्थान की बताई गई वह वाराणसी और चंदौली की सीमा पर गंगा नदी के किनारे स्थित है. दोनों जिलों की सीमा करीब पांच किलोमीटर तक मिली हुई है और इसमें लगभग दो किलोमीटर का क्षेत्र पूरी तरह वीरान है. इसी सुनसान-छिपे इलाक़े का फायदा उठाकर लंबे समय से जुआरियों की आवाजाही रहती है. स्थानीय सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि एसी क्षेत्रों में सीधी निगरानी कम होने से जुआ और हलचलें चलती रहती हैं. दूसरी ओर रामनगर थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गा सिंह ने बताया कि सूचना को गंभीरता से लेकर गहन जांच की गई, पर अभी तक कुछ सामने नहीं आया है. चंदौली पुलिस भी अपने स्तर से इसकी पड़ताल में जुटी हुई है.
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पिछला रिकॉर्ड और आरोपित ठिकाने
स्थानीय सूचनाओं के मुताबिक बीते वर्ष भी इसी क्षेत्र के आसपास ऑनलाइन जुआ खेलने के आरोप में कई युवकों को पकड़कर जेल भेजा गया था. फिलहाल चर्चाओं में यह भी कहा जा रहा है कि जुआरियों ने चंदौली के कटेसर गाँव में नया ठिकाना बना लिया है. कुछ अटकलें यह भी हैं कि दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते तनाव बढ़ा हुआ है और किसी झड़प या धमकी के कारण ऐसी अफवाहें फैलाई गई है.
पुलिस की कार्रवाई और अगला कदम
एसओजी व स्थानीय पुलिस ने मौके पर इस क्षेत्र की बार-बार तलाशी ली और आसपास के मार्गों व किनारे-तट की निगरानी बढ़ा दी है. पुलिस ने कहा है कि इंटरनेट पर फैलने वाली सूचना के स्रोतों की भी पड़ताल की जा रही है कि किसने, कब और किस रूप में पोस्ट किया यह पता लगाया जा रहा है. इसके साथ ही दोनों जिलों के बीच समन्वय बढ़ाया गया है; कटेसर और आसपास के गावों में संभावित छापे एवं संदिग्धों की पहचान पर भी काम चल रहा है.
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस संबंध में डोमरी व आसपास के गांवों के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यह इलाका सुनसान होने के कारण जुए व अन्य कथित गतिविधियों के लिए चुना जाता रहा है. कई लोग चाहते हैं कि प्रशासन सख्ती से गश्त बढ़ाए ताकि ऐसे अड्डों का पूरा नेटवर्क टूटे. वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर बिना तथ्यों के फैलने वाली ख़बरों पर चिंता जताई. इंटरनेट पर आई सूचना ने क्षेत्र में अलर्ट जरूर कर दिया, लेकिन पुलिस-एसओजी की लगातार छानबीन में फिलहाल किसी तरह का ठोस सबूत सामने नहीं आया है.





