वाराणसी: उच्च शिक्षा और शोध कार्यों को डिजिटल, पारदर्शी और सहज बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा शुरू किया गया ‘शोध गंगा पोर्टल’ देशभर के छात्रों और शोधार्थियों के लिए ज्ञान का एक बड़ा भंडार बन चुका है. इस पोर्टल पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अपलोड किए गए शोध प्रबंध (थीसिस) से छात्र न केवल पूर्ववर्ती शोध कार्यों से लाभ उठा रहे हैं, बल्कि यह उन्हें नए विषयों पर शोध के लिए दिशा भी प्रदान कर रहा है.
इस पोर्टल की उपयोगिता और योगदान को लेकर जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने देशभर में दसवां स्थान प्राप्त किया है. बीएचयू ने अब तक 9,600 शोध प्रबंध अपलोड किए हैं, जिससे यह प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता विश्वविद्यालय बन गया है.
उत्तर प्रदेश के जिन तीन विश्वविद्यालयों ने शोध गंगा पोर्टल पर शीर्ष 10 में स्थान प्राप्त किया है, वे हैं:
1. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) – 10,709 शोध प्रबंध
2. छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर – 10,279 शोध प्रबंध
3. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) – 9,600 शोध प्रबंध
इन विश्वविद्यालयों की इस उपलब्धि ने उत्तर प्रदेश को शोध क्षेत्र में एक मजबूत स्थान दिलाया है.
देश के टॉप 10 विश्वविद्यालयों की सूची (शोध प्रबंध अपलोड के आधार पर):
क्रम विश्वविद्यालय अपलोड शोध प्रबंध
1 अन्ना विश्वविद्यालय 17,028
2 मद्रास विश्वविद्यालय 15,396
3 कलकत्ता विश्वविद्यालय 14,837
4 सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय 13,403
5 मुंबई विश्वविद्यालय 12,527
6 आंध्र विश्वविद्यालय 10,726
7 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 10,709
8 छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय 10,279
9 पंजाब विश्वविद्यालय 9,890
10 काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) 9,600
उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों ने भी शोध गंगा पोर्टल पर अच्छा योगदान दिया है:
लखनऊ विश्वविद्यालय – 8,683 शोध प्रबंध
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ – 3,645
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी – 2,335
पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर – 1,161
बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ – 659
एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ – 462
इंटीग्रल विश्वविद्यालय, लखनऊ – 718
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा,
"यह पोर्टल छात्रों और शोधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है क्योंकि वे किसी भी विषय पर उपलब्ध पुराने शोध कार्यों से मार्गदर्शन पा सकते हैं. इससे दोहराव से बचा जा सकता है और शोध की गुणवत्ता में सुधार होता है"
शोध गंगा पोर्टल पर अब तक 6,20,345 से अधिक शोध प्रबंध अपलोड किए जा चुके हैं, जो इसे भारत में शोध कार्यों के सबसे बड़े डिजिटल संग्रह में से एक बनाते हैं.यह पोर्टल न केवल छात्रों को मार्गदर्शन देता है, बल्कि शिक्षाविदों और शोध निर्देशकों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण संसाधन है.