वाराणसी: शहर की बिजली व्यवस्था को स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और एलएंडटी कंपनी के बीच 881 करोड़ रुपये की लागत से आरडीएसएस योजना (पुनरुद्धार वितरण क्षेत्र योजना) के तहत काम शुरू हो गया है. इस परियोजना के अंतर्गत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा, जिससे शहर में बिजली से जुड़ी समस्याओं और दुर्घटनाओं में कमी आएगी.
अक्टूबर तक पूरा होगा सर्वे
एलएंडटी कंपनी ने इस कार्य के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है, जो अक्टूबर 2025 तक पूरा हो जाएगा.
सर्वे के बाद शहर में अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य तेज़ी से शुरू किया जाएगा. संकरी गलियों में पाइप के माध्यम से और चौड़ी सड़कों पर ओपन ट्रेंच तकनीक से केबलिंग की जाएगी.
क्या होगा कार्य का दायरा ?
-2000 किलोमीटर एलटी लाइन को अंडरग्राउंड किया जाएगा.
-33 केवी की 41.74 किमी और 11 केवी की 126.40 किमी लंबी लाइनें भी जमीन के नीचे जाएंगी.
-188 किलोमीटर लंबी हाई वोल्टेज लाइनें भी इस योजना में शामिल हैं.
बनेगा अत्याधुनिक कंट्रोल रूम
स्काडा प्रणाली के तहत एक आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिससे 57 बिजली घर सीधे जुड़े होंगे. इससे यह जानना आसान होगा कि कहां फॉल्ट हुआ है या किस ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक है.
स्ट्रीट लाइट और पोल भी होंगे व्यवस्थित
-शहर की 4639 स्ट्रीट लाइटों को अंडरग्राउंड केबल से जोड़ा जाएगा.
-ट्रैफिक में बाधा बन रहे 23 बिजली के पोल हटाए जाएंगे.
-सड़क पर अवरोध बन रहे ट्रांसफार्मरों को किनारे शिफ्ट किया जाएगा.
2027 तक पूरा होगा पूरा प्रोजेक्ट
एलएंडटी कंपनी को यह कार्य जुलाई 2027 तक पूरा करना है. इसके बाद वाराणसी में बिजली के खंभों पर लटकते तार अतीत की बात हो जाएगी और शहर की बिजली व्यवस्था ज्यादा सुरक्षित, व्यवस्थित और आधुनिक बन जाएगी.
यह परियोजना शहर की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर और सुरक्षित बिजली सेवा प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.