वाराणसीः नगर निगम भले ही बनारस को गार्बेज फ्री सिटी बनाने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शहर के बीचों-बीच सोनिया–औरंगाबाद रोड पर बने डंपिंग सेंटर से उठने वाली तेज़ दुर्गंध और चारों ओर फैला कचरा लोगों का जीना मुश्किल कर रहा है. इतना ही नहीं, लगभग 100 मीटर तक दुकानदारी भी इस बदबू की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अब तो लोग इस रास्ते को “कूड़ा वाला रोड” कहकर पुकारने लगे हैं.
औरंगाबाद डंपिंग सेंटर की क्षमता सिर्फ 30 मीट्रिक टन है, जबकि नगर निगम की गाड़ियां यहां रोज़ाना 60 से 70 मीट्रिक टन कचरा डाल देती हैं. यहां न सिर्फ सोनिया–औरंगाबाद बल्कि सिगरा, मंडुवाडीह और महमूरगंज इलाकों का कूड़ा भी यहीं डंप किया जाता है.
नालियां जाम होकर फैलाने लगी है बदबू और गंदगी
कचरे के ढेर से जगह-जगह मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जो गंदगी फैलाने के साथ ही सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ा देते हैं. उधर, गलियों में पत्थर धंस जाने से रास्ते उबड़-खाबड़ हो गए हैं. वहीं, नालियां जाम होकर बदबू और गंदगी फैलाने लगी हैं.