
वाराणसीः हथकरघा उद्द्योग में महिलाओं को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. इसके तहत युनाईटेड नेशन वूमेन-इंडिया की खास 'सृजन' वूमेन अर्टिजन्स आफ चेन्ज-WeACe परियोजना के तहत शुरू हुई इस पहल का मुख्य मकसद 30 चुनी हुई महिला बुनकरों और 6 महिला पर्यवेक्षकों को स्ट्रांग लीडर और कामयाब उद्यमी एंटरप्रेनौर बनाना है. इसको लेकर बुनकर सेवा केंद्र (डब्ल्यू.एस.सी.), चौकाघाट मंगलवार को "थ्रेड्स आफ चेंज" नाम की तीन दिवसीय कार्यशाला श्रृंखला का शानदार उघा क टन हुआ. यह प्रशिक्षण वस्त्र मंत्रालय, विकास आयुक्त (हथकरघा) के सहयोग से देश भर की 1000 महिला बुनकरों को ताकत देने के बड़े सरकारी लक्ष्य का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत बनारस से की गई है.
महिला कारीगरों के हुनर, मेहनत और नेतृत्व क्षमता को लाना है दुनिया के सामने

जानकारी दी गई कि 'सृजन' पहल संयुक्त राष्ट्र महिला की तरफ से चलाई जा रही एक खास और समर्थ कार्यशाला है. इसका मुख्य काम महिला कारीगरों के हुनर, मेहनत और नेतृत्व क्षमता को दुनिया के सामने लाना है. यह पहल उन महिलाओं को पहचान देती है, जिनकी मेहनत जिसमे कताई/स्पिनिंग से लेकर बुनाई और बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया अभी तक शामिल नहीं है. 'सृजन' महिलाओं को लीडरशिप, टेक्निकल और एंटरप्रेन्योरियल गुणों से भी लैस करती है ताकि वे बिना किसी पर निर्भर हुए अपनी आजीविका चला सकें.
20 नवंबर तक चलेगी विशेष कार्यशाला

"थ्रेड्स आफ चेंज" की यह 3-दिवसीय विशेष कार्यशाला 18 से 20 नवंबर, 2025 तक चलेगी. इसमें हुनर को मजबूत करना लैंगिक असमानता को समझना, स्थानीय शासन में नेतृत्व और बाजार कौशल (उत्पाद बेचने के तरीके) जैसे मुख्य भाग शामिल हैं. कार्यशाला में दी जाने वाली जानकारी से महिलाएं जहां जागरूक होंगी वहीं उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. इससे वे व्यावहारिक कौशल सीखेंगी.
इनकी रही विशेष उपस्थिति
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ बुनकर सेवा केंद्र के कार्यालय प्रमुख/उप निदेशक अशोक कुमार वर्मा द्वारा किया गया. इस अवसर पर अपर आयुक्त (उद्यो ग) उमेश कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि कांता सिंह (संयुक्त राष्ट्र महिला, कन्ट्री रिप्रजेन्टेटिव), क्षेत्रीय निदेशक, बुनकर सेवा केन्द्र, दिल्ली विशेष नौटियाल और निदेशक आई०आई०एच०टी० डॉ. अमीन नवीन आदि उपस्थित रहे.




