
वाराणसी: नेशनल स्टा्क एक्स्चेंज की ओर से निवेश को बढ़ावा देने के लिए जिले में एक बार फिर से पहल की जा रही है. अब शेयर बाजार की चाल के साथ समाज के जुड़ाव ही नहीं बल्कि बाजार के साथ आय के लिए भी आधी दुनिया कदमताल करने जा रही है. इसी कड़ी में बनारस की महिलाओं को एनएसई से जोड़ कर बाजार में निवेश की संभावनाओं को और गति देने की तैयारी ने रफ्तार पकडी है.
इसके लिए एनएसई ने जिला प्रशासन के सहयोग से "निवेश सखी" की शुरूआत की है, जिसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया तो अब काशी से देश की अर्थव्यवस्था की कमान को महिलाएं संभालने की तैयारी करने लगी हैं.
राज्यपाल ने योजना को दी गति
राज्यलपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को महापौर अशोक तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, सीएमओ संदीप चौधरी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश कुमार सिंह और एनएसई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्णन अय्यर की मौजूदगी में इस योजना को गति दी है. एनएसई और वाराणसी जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित निवेश सखी अभियान के इस पहल का उद्देश्य एक संरचित पाठ्यक्रम और प्रमाणन कार्यक्रम के माध्यम से बीएफएसआई क्षेत्र में महिलाओं के ज्ञान और कौशल को बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना है. यह पूरी पहल प्रधान मंत्री लखपति दीदी योजना से जुड़ी है, जो स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से ग्रामीण भारत में महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए पहल करेगी.
दरअसल केंद्र सरकार की यह पहल है, ताकि महिलाओं को स्थायी आजीविका, कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से घरेलू आय अर्जित करने में मदद मिल सके. यह संयुक्त पहल एनएसई और वाराणसी जिला प्रशासन के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के मद्देनजर है. अब एनएसई की ओर से कार्यशाला में प्रशासन द्वारा चयनित सखियों को जोड़कर निवेश सखी बनाया जाएगा.

सबल बनाने का जतन
निवेश सखी से जुड़कर महिलाएं न केवल अपने बल्कि परिवार और समाज को भी इसके माध्यम से जागरुक कर आर्थि क रूप से सबल बनाने का जतन करेंगी. इस बाबत मंगलवार को एनएसई की ओर से आधिकारिक पोस्टस जारी कर पूरी योजना की रुपरेखा को खींचा गया है.
बताया गया कि निवेश के माध्यम से महिलाएं खुद भी आत्मानिर्भर बनेंगी और देश को भी आत्मनिर्भर बनाने में अपना सार्थक प्रयास करेंगी. इससे वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्यम जिलों में मुद्रा को लेकर जागरुकता भी आएगी.




