वाराणसी: मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव और उमस भरे वातावरण की वजह से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. खास बात यह है कि कई मरीजों में डेंगू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं जैसे प्लेटलेट्स की संख्या कम होना, तेज बुखार और बदन दर्द. हालांकि, जांच कराने पर इनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव आ रही है.
मरीजों की बढ़ती भीड़
वाराणसी के बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल, मंडलीय अस्पताल, मंडलीय और जिला अस्पताल में वायरल बुखार के मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं. सिर्फ बीएचयू के मेडिसिन विभाग में ही बुधवार को करीब 832 मरीज पहुंचे.
डॉक्टरों की चेतावनी
मेडिसिन विभाग के प्रो. धीरज किशोर ने बताया कि फिलहाल आने वाले ज्यादातर मरीज बुखार के साथ गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द और सर्दी-जुकाम की समस्या से जूझ रहे हैं. सामान्य परिस्थितियों में वायरल बुखार 3–4 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन इस बार लक्षण ज्यादा समय तक बने हुए हैं.
सर्दी-जुकाम लगभग एक दिन तक,
तेज बुखार करीब चार से पांच दिन तक,
और शरीर का दर्द लगभग दो दिन तक बना रहता है।
बुजुर्गों में ज्यादा खतरा
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि बुजुर्गों में यह वायरल बुखार और खतरनाक साबित हो सकता है. उन्हें डिहाइड्रेशन और सोडियम की कमी की समस्या हो रही है. सोडियम की कमी के कारण कई मरीजों को झटके आ रहे हैं, बेहोशी की स्थिति बन रही है और कुछ तो कोमा तक में चले गए हैं. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है.
Also Read:वाराणसी में मां कुष्मांडा का सात दिवसीय श्रृंगार-संगीत महोत्सव शुरू, देशभर के कलाकार करेंगे आराधना
डेंगू और मलेरिया कम, वायरल ज्यादा
इस समय डेंगू और मलेरिया के मरीज अपेक्षाकृत कम आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह स्थिति अगले कुछ हफ्तों तक बनी रही, तो यह शोध का विषय हो सकता है.
बचाव के उपाय
डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, उमस के दौरान पंखे या ठंडी हवा में रहें, और जो मरीज पहले से दवा ले रहे हैं वे दवा का नियमित सेवन करें.