
वाराणसी : पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एडीसीपी नीतू कात्यान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, थाना प्रभारी कैंट शिवाकांत मिश्र समेत 50 अज्ञात दरोगा व 50 अज्ञात सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने के लिए अर्जी दी गई है. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर 2025 की तिथि तय कर दी है.

अधिवक्ता ने दिया प्रार्थना पत्र
प्रकरण के अनुसार अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे ने बीएनएसएस की धारा 173 (4) के तहत कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है. प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि 16 सितम्बर 2025 को शाम 3 बजे कुछ अधिवक्ताओं ने उन्हें सूचना दी कि थाना प्रभारी कैंट, पुलिस चौकी प्रभारी कचहरी गेट नंबर दो के अंदर आकर वरिष्ठ अधिवक्ताओ को गालियां देते हुए लाठी डंडे से मारपीट रहे है. इसकी सूचना जिला जज को देने के बाद मौके पर पहुंचा तो देखा, कि गेट पर एडीसीपी नीतू कात्यान व कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र गेट का ताला बंद कर दिए.
इस दौरान क्या हुवा
पुलिस कमिश्नर से वार्ता के बाद करीब 40 मिनट के बाद गेट खोला गया. इस दौरान चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी मिलकर वकीलों पर ईट पत्थर चला रहे थे. साथ ही अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों का भद्दी भद्दी गालियां दे रहे थे. उसी समय नितिन तनेजा, एसीपी क्राइम विदुल सक्सेना, एडीसीपी नीतू कात्यान सहित 50 अज्ञात दरोगा और 50 अज्ञात सिपाही मिलकर अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों को गालियां दे रहे थे. इस मामले की लिखित सूचना अगले दिन 17 सितंबर को पुलिस कमिश्नर को दी गई, जब वहा से कोई कार्यवाही नहीं हुई तो अधिवक्ता ने न्यायालय की शरण ली.





