
वाराणसी: एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली और आस्था के केंद्र में पहुंचे. थाईलैंड से शुक्रवार को 40 सदस्यीय बौद्ध अनुयायियों का पहला दल यहां पहुंचा. विदेशी श्रद्धालुओं ने धमेख स्तूप के समक्ष पूजा-अर्चना कर विश्व शांति और मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना की.

सितंबर में बढ़ने लगी विदेशी पर्यटकों की आमद
सितंबर माह की शुरुआत के साथ ही सारनाथ में विदेशी पर्यटकों का आगमन बढ़ने लगा है. हर साल इसी समय यूरोप और एशियाई देशों से बड़ी संख्या में पर्यटक काशी और सारनाथ का रुख करते हैं. इसी क्रम में इस बार सबसे पहले थाई बौद्ध अनुयायी पहुंचे हैं.

सारनाथ में गूंजे बौद्ध मंत्र
थाई श्रद्धालुओं के दल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संरक्षित खण्डहर परिसर में पहुंचकर बौद्ध रीति से रिवाज से पूजा की. धमेख स्तूप के चारों ओर घेरा बनाकर बुद्ध वंदना की गई. इस दौरान परिसर बौद्ध मंत्रोच्चारण से गूंज उठा.

मंदिर, मठ और होटल हुए गुलजार
विदेशी श्रद्धालुओं के आगमन से सारनाथ स्थित बौद्ध मंदिरों और मठों में रौनक बढ़ गई है. यहां बने होटल और रेस्टोरेंटों में भी भीड़ दिखने लगी है. स्थानीय व्यापारी और होटल संचालक इसे पर्यटक सीजन की शुभ शुरुआत मान रहे हैं और आशा व्यक्त कर रहे हैं कि इसी तरह पर्यटकों की संख्या यहां बढ़ेगी .
जापान, श्रीलंका, म्यांमार और कोरिया के आएंगे अनुयायी
स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग ने भी पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक इंतजाम शुरू कर दिए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जापान, श्रीलंका, म्यांमार और कोरिया से भी बौद्ध अनुयायी बड़ी संख्या में यहां पहुंचेंगे. यह वाराणसी और सारनाथ के लिए पर्यटक सीजन की शुरुआत का संकेत है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.





